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अजमेर।    आनासागर झील को जलकुम्भी से जल्द ही राहत मिलने वाली है। प्रशासन द्वारा सम्मिलित रूप से किए गए प्रयासों के परिणाम अब नजर आने लगे हैं। अब जलकुम्भी के मात्र 16 प्रतिशत क्षेत्र तक सीमित होने से आनासागर खुलकर सांस लेने लगा है। 

 

                 जिला कलक्टर डाॅ. भारती दीक्षित ने बताया कि आनासागर झील से जलकुंभी निकालने का अभियान 20 मार्च 2024 से अनवरत चल रहा है। इससे लगभग 11 हजार 250 डंपर जलकुंभी का झील से बाहर निकासी की गई है। वर्तमान समय में इस अभियान के अन्तर्गत रीजनल काॅलेज चैपाटी एसटीपी के पीछे तीन पोकलेन एवं होटल लेक हेवन के पीछे डिवीडिंग मशीन कार्यरत है। 

 

               उन्होंने बताया कि नगर निगम आयुक्त श्री देशल दान के निर्देशन में लगातार कार्य किया गया। नगर निगम की पूरी टीम ने समर्पित भाव से कार्य किया। इसके परिणाम स्वरूप वर्तमान में जलकुम्भी का क्षेत्राफल बहुत कम हो गया है। इसको अन्य स्थानों पर फैलने से रोेकने के लिए कोटा से विशेष प्रकार का 2800 फीट लम्बा जाल मंगवाकर एसटीपी के पीछे से रीजनल काॅलेज चैपाटी तक जलकुम्भी को लाॅकिंग किया गया है। इससे हवा के दवाब के कारण जलकुम्भी का फैलाव स्थिर रहेगा। हवा के झोंकों से जलकुम्भी अन्यत्रा छितरी हुई अवस्था में कम से कम होगी। 

 

               उन्होंने बताया कि झील में आॅक्सीजन स्तर बढ़ाने के लिए जगह-जगह एरिएटर एवं फव्वारे स्थापित किए जा रहे हैं। इन एरिएटर तथा फव्वारों से वायुमण्डलीय आॅक्सीजन जल में घुलनशील होकर आॅक्सीजन का स्तर बढ़ाएगी। यह जलीय जन्तुओं के लिए प्राणदायक होगी। घुलनशील आॅक्सीजन का स्तर बढ़ने से पानी से आने वाली दुर्गन्ध से भी राहत मिलेगी। गर्मी के मौसम में तेज धूप के कारण जलीय शैवालों की काॅलोनी तेजी से बढ़कर जल को दुर्गन्धित कर सकती है। अब ऐसा नहीं होने से चैपाटी का आनन्द लिया जा सकेगा। 

 

             उन्होंने बताया क

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