बजरी विवाद: मुआवजा मिला ना ही आरोपियों पर हुई कार्रवाई
परिजनों ने दी धरने की चेतावनी
बजरी विवाद पर की थी हत्या
टोंक. गत दिनों पीपलू क्षेत्र में बजरी लीज से जुड़े लोगों की ओर से की गई शंकर मीणा की हत्या के बाद अब तक ना तो परिजनों को किसी प्रकार की सहायता राशि दी गई और ना ही आरोपियों पर कार्रवाई हुई।
ऐसे में परिजनों समेत अन्य ने बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इसमें चेतावनी दी है कि पीपलू थाने में दर्ज कराई गई एफआइआर में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने तथा प्रशासन की ओर से दिए गए आश्वासन पर सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई तो वे परिवारजनों के साथ धरना देंगे।
ज्ञापन में अरनिया काकड़ निवासी मृतक शंकर के पिता पप्पूलाल मीणा, भाई पिंटू मीणा, मोहम्मद अहसान, सीताराम सैनी, कैलाश मीणा, इन्द्रध्वज मीणा, शकीलुर्रहमान, जगदीश गुर्जर आदि ने बताया कि गत 28 जून की रात को अरनिया काकड़ निवासी शंकर मीणा की हत्या कर शव को झाडिय़ों में फेंक दिया था।
इससे लोगों में नाराजगी हो गई थी। ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को क्षतिपूर्ति मुआवजा 50 लाख रुपए, परिवार में एक को सरकारी नौकरी, डेयरी बूथ तथा क्षतिग्रस्त किए गए ट्रैक्टर-ट्रॉली को ठीक कराने का आश्वासन दिया था। इसके बाद लोगों ने आंदोलन बंद किया था।
लेकिन चार महीने बाद भी ना तो आर्थिक सहायता मिली और ना ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। महज कुछ आरोपियों को पुलिस ने शुरुआती दिनों में गिरफ्तार किया। इससे लोगों में नाराजगी बनी हुई है। इसके चलते परिजनों समेत अन्य लोगों ने चेतावनी दी है कि आश्वासन के मुताबिक की गई सभी घोषणाओं को पूरा करने तथा नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।