Mon. Dec 1st, 2025
IMG_20251127_181227

 

 

अजमेर, 27 नवंबर। राजस्थान के लिए अतिमहत्वपूर्ण अपर यमुना रिव्यू कमेटी की 9वीं बैठक गुरुवार को नोएडा के यमुना भवन में हुई। इसमें राजस्थान से जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत शामिल हुए। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल, राजस्थान मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के भागीरथ प्रयासों से वर्षों से लंबित यमुना जल अपवर्तन कार्य को धरातल पर लाने का मार्गप्रशस्त हुआ है।  

 

श्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्वमें राज्य सरकार प्रदेश में अंतिम छोर तक जल उपलब्धता की दिशा में महत्वपूर्ण फैसले ले रही हैं। यमुना जल की यह परियोजना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने बताया कि फरवरी, 2024 में यमुना जल के सम्बंध में एक ऐतिहासिक एमओयू के अनुरूप हरियाणा और राजस्थान सरकार द्वारा संयुक्त टास्क फॉर्स का गठन किया गया। इस फॉर्स द्वारा ही डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के शेखावाटी अंचल सीकर, चूरू, झुंझुनूं सहित आसपास के क्षेत्रों की जल सुरक्षाके लिए यमुना जल बेहद आवश्यक है।  

 

जल संसाधन मंत्री ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर.पाटिल और हरियाणा मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को धन्यवाद दिया, जिनके अथकप्रयासों से यमुना जल शेखावटी अंचल तक लाने के कार्यों को गति मिली हैं। श्रीरावत ने बताया कि हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में यमुना एवं इसकी सहायक नदियों पर तीन परियोजनाएं-रेणुकाजी, लखवार और किशाऊ का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार ने तीनों परियोजनाओं में अपनी हिस्सेदारी की राशि स्वीकृत कर दी है, ताकि समयबद्ध कार्य पूरे हो सकें। 

 

श्री रावत ने बताया कि इन प्रगतिरत परियोजनाओं केसाथ-साथ मानसून में यमुना नदी के व्यर्थ बहकर जा रहे जल में से आंशिक जल राशि राजस्थान में अपवर्तित करने के लिए परिवहन तंत्र का निर्माण किया जाना आवश्यक है। राजस्थान सरकार द्वारा इस तंत्र की डीपीआर तैयार करने के लिए कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। यह डीपीआर दोनों राज्यों की संयुक्त टास्क फॉर्स के समन्वय से तैयार हो रही है। इसे शीघ्र ही केन्द्रीय जल आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। 

 

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि इस तंत्र से न केवल बाढ़ में व्यर्थ बहकर जा रहे जल का सदुपयोग संभव होगा, बल्कि भविष्य की इन परियोजनाओं के जल को राजस्थान में लाकर विभिन्न जिलों में जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। श्री रावत ने हथिनी कुण्ड बैराज से राजस्थान में यमुना जल अपवर्तन के लिए रेणुकाजी, लखवार और किशाऊ को राष्ट्रीय परियोजनाओं काअभिन्न अंग मानकर वित्तीय सहायता प्रदान कराने का आग्रह किया। साथ ही, ओखला हैड से गुड़गांव नहर प्रणाली के जीर्णोद्धार कराने को भी अत्यन्त आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि नहर की क्षमता बढ़ने से राजस्थान को आवंटित जल भी प्राप्त हो सकेगा। 

 

उल्लेखनीय है कि कमेटी की बैठक केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली सरकार के मंत्रीगण और उच्चाधिकारी शामिल हुए। राजस्थान से मुख्य अभियंता व अतिरिक्त सचिव जल संसाधन श्री भुवन भास्कर सहित अन्य उच्चाधिकारी शामिल हुए।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *