अजमेर। अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से जुड़े मामले में सिविल कोर्ट में सुनवाई टल गई है। याचिकाकर्ता ने मंदिर के सर्वे, पहचान और पूजा-पाठ की अनुमति मांगी है। यह मामला फिलहाल कानूनी प्रक्रिया में है, जिसमें केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और दरगाह कमेटी को पक्षकार बनाया गया है। दावे और मांगें दावा: याचिकाकर्ता का दावा है कि दरगाह परिसर में शिव मंदिर स्थित था, जिसका नाम ‘संकट मोचन महादेव मंदिर’ था। सबूत: इस दावे को मजबूत करने के लिए याचिका में पूर्व जज हरविलास शारदा की 1911 में लिखी किताब का हवाला दिया गया है, जिसमें मंदिर के मलबे से दरगाह बनने का जिक्र है।मांगें: याचिकाकर्ता चाहता है कि दरगाह का एएसआई सर्वे हो, उसे शिव मंदिर घोषित किया जाए, पूजा-पाठ की अनुमति मिले और गैरकानूनी कब्जे को हटाया जाए। कानूनी प्रक्रिया और प्रतिक्रिया कोर्ट में सुनवाई: अजमेर सिविल कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई है और अगली सुनवाई 3 जनवरी को है।
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