अजमेर। चार महीने की योग निद्रा के बाद भगवान विष्णु दो दिन बाद जागेंगे। देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। चातुर्मास के दौरान रुके विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक कार्य अब फिर से शुरू हो सकेंगे।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में चले जाते हैं और चार महीने बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु जागरण के साथ धर्म, पुण्य और समृद्धि का नया चक्र प्रारंभ होता है।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी एक नवंबर को सुबह 9:11 बजे शुरू होकर दो नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक रहेगी। इसलिए देवउठनी एकादशी एक और दो नवंबर दोनों दिन मनाई जाएगी। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में उदियात तिथि के अनुसार दो नवंबर को एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन तुलसी-शालिग्राम विवाह होंगे। इसके साथ ही सभी मांगलिक कार्यों की विधिवत शुरुआत हो जाएगी। तुलसी विवाह को शुभ विवाहों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। निर्णय सागर पंचांग के अनुसार इस बार 2 नवंबर को तुलसी विवाह से विवाहों का दौर प्रारंभ हो जाएगा।
दो माह आठ शुभ मुहूर्त
इस दो माह में 8 प्रमुख सावे रहेंगे। आखिरी सावा 12 दिसंबर को रहेगा। इसके बाद मलमास लग जाएगा, जिससे विवाह और अन्य शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक सूर्य के धनु राशि में रहने से मांगलिक कार्य नहीं होंगे। जब सूर्य 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तब पुन: शुभ कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य शर्मा ने बताया कि नवंबर में 22, 23, 25 और 30 तारीख को शुभ लग्न रहेंगे। 30 नवंबर को दिन और रात दोनों समय विवाह योग्य लग्न रहेंगे। दिसंबर में 4, 11 और 12 तारीख तक शुभ विवाह के मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद मलमास लगने से शुभ कार्य स्थगित हो जाएंगे। फाल्गुन मास में पुन: विवाह जैसे मांगलिक कार्य आरंभ होंगे।
तुलसी- शालिग्राम विवाह के बाद सात दिन शुभ मुहूर्त
शर्मा ने बताया कि 2 नवंबर रविवार को तुलसी विवाह और त्रिस्पर्श देवउठनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग रहेगा । इस कारण 2 नवंबर को शहनाइयां गूंजेंगी। विवाह के नवंबर में मुहूर्त: 2, 22, 23, 24, 25,27,29, 30 दिसंबर में 4,5 और 6 दिसंबर को विवाह मुहूर्त हैं । 15 दिसंबर से धनु मलमास प्रारंभ हो जाएगा जो 14 जनवरी 2026 तक रहेगा। फिर एक महीने के लिए सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे । 11 दिसंबर की रात्रि में शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा फिर 51 दिनों बाद एक फरवरी को शुक्र उदय होने के साथ ही विवाह मुहूर्त रहेंगे। इस बीच बसंत पंचमी का अबूझ मुहूर्त भी रहेगा ।
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