अजमेर, 13 अक्टूबर। कृषि एंव उद्यानिकी विभाग की समीक्षा विभिन्न कमेटियों के माध्यम से करने के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती वन्दना खोरवाल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला स्तरीय कृषि समिति, फ्लैगशिप योजनाओं राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की जिला स्तरीय निगरानी समिति, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति, बजट घोषणाओं, जिला स्तरीय तिलहन मिशन की जिला क्रियान्वयन समिति, राष्ट्रीय बागवानी मिशन की जिला स्तरीय समिति तथा आत्मा शाषी परिषद के कार्यों की समीक्षा की गई।
अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती वन्दना खोरवाल ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। इसका लाभ प्रत्येक पात्रा काश्तकर तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। आगामी रबी की फसलों के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध रहे। डीएपी पर किसानों की निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक उर्वरकों के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इसके लिए सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) तथा एनपीके की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। किसानों को बुवाई के रकबे के अनुपात में वैकल्पिक उर्वरक प्रदान किया जाए। इसकी कृषि पर्यवेक्षक मॉनिटिरिंग करेंगे।
उन्होंने कहा कि फार्म पोण्ड, तारबन्दी, पाईप लाईन, कृषि यंत्र अनुदान, मिनी किट, फसल प्रदर्शन, सॉयल हैल्थ कार्ड, ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस, प्लास्टिक मल्च, लॉ टनल, प्याज भण्डारण, सामुदायिक जल स्त्रोत, फल बगीचा स्थापना, ड्रिप एवं मिनी फव्वारा, प्रधानमंत्री कुसुम कम्पोनेट बी के अन्तर्गत सौलर पम्प स्थापना तथा आत्मा के अन्तर्गत संचालित गतिविधियों की प्रगति बढ़ाई जाए। निर्धारित लक्ष्यों से अधिक कार्य कर किसानों को लाभान्वित करें।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के माध्यम से किसनों को रसायन मुक्त काश्तकारी के लिए प्रोत्साहित करें। इसके लिए कृषि सखिओं को प्रशिक्षित किया जाए। सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉक स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया जाना आवश्यक है। इसकी अध्यक्षता ब्लॉक विकास अधिकारी द्वारा की जाएगी। मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होने से कृषि की लागत में कमी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की क्लेम राशि किसानों को शतप्रतिशत मिलती चाहिए। अवितरित बीमा क्लेम की समीक्षा अगले सप्ताह की जाएगी। इसके पूर्व सभी किसानों के खाते में क्लेम राशि हस्तान्तरित करवाने की कार्यवाही करें। मृत किसानों की बीमा क्लेम राशि का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा मृतक के परिजनों के शपथपत्र के आधार पर तहसीलदार के द्वारा सत्यापित दस्तावेजों के आधार पर किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापवाही नहीं होनी चाहिए। पॉलिसी सृजन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए बैंक स्तर पर त्रुटियों में सुधार किया जाए। सरकार द्वारा जारी बीमा पॉलिसियों की हार्ड कॉपी आगामी 10 दिवस में किसान तक पहुंचाने की व्यवस्था बीमा कम्पनी द्वारा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिले में उद्यानों के विकास के लिए कार्ययोजना बनाकर सरकार के निर्देशानुसार कार्य करें। ग्रीन हाउस के लिए जारी नई गाईडलाईन के अनुसार किसानों को लाभान्वित किया जाए। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिकरण (आत्मा) के अन्तर्गत वर्ष 2025-26 की प्रगति की समीक्षा की गई। किसानों के लिए आयोजित होने वाले प्रशिक्षण फलदायक होने चाहिए। कृषि के क्षैत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य करें।
इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री संजय तनेजा, उद्यानिकी विभाग के उप निदेशक श्री के. पी. सिंह राजावत, कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र सिंह भाटी, अग्रणी जिला प्रबन्धक श्री संजय सिंह, आत्मा की परियोजना निदेशक उषा चितारा सहित अधिकारी उपस्थित रहे।