अजमेर, 12 सितम्बर 2025। भारतीय किसान उर्वरक सहकारी संस्था (इफको) द्वारा नैनो उर्वरक उपयोग महाअभियान के तहत राष्ट्रीय बीज मसाला अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएसएस), अजमेर में एक दिवसीय फसल विचार गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में कुल 351 प्रगतिशील किसान शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार, श्री भागीरथ चौधरी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय इफको निदेशक, नई दिल्ली, श्री राम निवास गढ़वाल ने की।
इस अवसर पर डॉ. विनय भारद्वाज, निदेशक, एनआरसीएसएस, अजमेर, डॉ. धमेंद्र सिंह भाटी, अध्यक्ष, केवीके अजमेर, श्री सुधीर मान, राज्य विपणन प्रबंधक, इफको राजस्थान, श्री मदन गोपाल चौधरी, अध्यक्ष, केंद्रीय सहकारी बैंक अजमेर, डॉ. ए.पी. सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक, इफको जयपुर, श्री निर्भय चौधरी, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, इफको जयपुर, श्री अमित कुमार, आर.एम.ई. इफको एमसी जयपुर, डॉ. रमाकांत शर्मा, इंचार्ज, कृषि अनुसंधान उप केंद्र अजमेर तथा डॉ. सुबोध सैनी, वरिष्ठ पशु अधिकारी, अजमेर सहित अजमेर जिले के सभी इफको आम सभा सदस्य और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
अपने उद्बोधन में माननीय मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने किसानों से संतुलित उर्वरकों के साथ-साथ नई कृषि तकनीकें जैसे नैनो उर्वरक और ड्रोन तकनीक को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “मानव, पृथ्वी और समूचा ब्रह्मांड पंचतत्वों से निर्मित है, अतः हमें प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग करना होगा।”
डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि संस्थान में नैनो उर्वरकों पर विभिन्न ट्रायल चल रहे हैं और उनके परिणाम किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे।
श्री सुधीर मान ने उर्वरकों की उपलब्धता और नैनो उर्वरकों के बढ़ते उपयोग पर इफको के प्रयासों की चर्चा की।डॉ. धमेंद्र सिंह भाटी ने रबी फसलों की उन्नत खेती पर प्रकाश डाला।
डॉ. ए.पी. सिंह ने टिकाऊ खेती में नैनो उर्वरकों की उपयोगिता व लाभ बताए।
श्री अमित कुमार ने कीटनाशियों के सुरक्षित एवं उचित उपयोग पर जानकारी दी।
डॉ. सुबोध सैनी ने पशुपालन एवं पशुओं के रख-रखाव पर किसानों को मार्गदर्शन दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. ए.पी. सिंह (वरिष्ठ प्रबंधक, कृषि सेवाएं, इफको जयपुर) ने किया, जबकि समापन अवसर पर श्री निर्भय चौधरी, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, इफको जयपुर ने सभी अतिथियों, अधिकारियों और किसानों का आभार व्यक्त किया।
यह गोष्ठी किसानों को न केवल नैनो उर्वरक जैसी आधुनिक तकनीकों से परिचित कराने में सफल रही, बल्कि टिकाऊ खेती और समग्र कृषि विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई।इफको एस एफ ए जयंत जांगिड़,लाल सिंह रावत एवं धनराज धाकड़ ने कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग किया।