अजमेर। 20 वर्षों के बाद, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आए हैं। महाराष्ट्र में हिंदी के विरोध में एकजुट दिखे। राज ठाकरे ने हिंदी भाषा के जबरन थोपे जाने पर चिंता व्यक्त की और मराठी भाषा और महाराष्ट्र के हितों को सर्वोच्च बताया है। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को दोनों भाइयों के साथ आने का श्रेय दिया और मराठी अस्मिता की रक्षा का संकल्प लिया।