अजमेर। दिल्ली हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ भ्रामक और अपमानजनक विज्ञापन प्रसारित करने से रोक दिया है। कोर्ट ने कहा कि पतंजलि की विज्ञापन रणनीति से उपभोक्ताओं में भ्रम फैल रहा है और इससे डाबर की साख को नुकसान पहुंच सकता है। डाबर ने पतंजलि पर अपने उत्पाद की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए पतंजलि को भविष्य में इस तरह के विज्ञापन न चलाने की हिदायत दी है। यह फैसला प्रतिस्पर्धा और नैतिक विज्ञापन के क्षेत्र में एक अहम उदाहरण बन सकता है।