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अजमेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को घाना का सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा दोनों देशों ने 4 अलग-अलग समझौते (MoU) साइन किए।

 

सर्वोच्च सम्मान पर पीएम मोदी ने कहा- घाना से सम्मानित होना मेरे के लिए गर्व की बात है। इससे पहले उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ जॉइंट स्टेटमेंट जारी किया। मोदी ने कहा कि भारत और घाना आतंकवाद को मानवता का दुश्मन मानते हैं और इसके खिलाफ मिलकर काम करेंगे।

 

मोदी ने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है, बल्कि बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए समस्याओं का हल होना चाहिए। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र (UN) में सुधारों पर एकमत हैं। इसके साथ ही दोनों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर चिंता जताई।

 

पीएम मोदी ने कहा- ‘भारत और घाना के बीच व्यापार 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है और अगले 5 साल में इसे दोगुना करने टारगेट है।’ उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा को भारत आने का न्योता दिया।

 

✅घाना के राष्ट्रपति पीएम मोदी को सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करते हुए।

 

*पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें…*

 

भारत, घाना को फिनटेक में सहयोग देगा और UIP के जरिए डिजिटल लेन-देन का एक्सपीरियंस शेयर करेगा।

भारत घाना के युवाओं के लिए ITEC और ICCR स्कॉलरशिप को दोगुना करेगा और ‘फीड घाना’ प्रोग्राम में मदद करेगा।

भारत, घाना आर्मी की ट्रेनिंग, समुद्री सुरक्षा, डिफेंस सप्लाई और साइबर सिक्योरिटी में मिलकर काम करेगा।

भारत जन औषधि केंद्र के जरिए घाना के लोगों को सस्ती और भरोसेमंद हेल्थ सर्विस देगा।

वैक्सीन बनाने, डिफेंस और सिक्योरिटी में मदद और साइबर सुरक्षा में भी आपसी सहयोग बढ़ाएंगे।

भारत घाना के युवाओं की वोकेशनल एजुकेशन के लिए, एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाएगा।

 

*दोनों देशों में 4 MoU साइन हुए*

 

दोनों देशों ने चार महत्वपूर्ण समझौते (MoU) पर साइन किए। विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि ने बताया कि ये समझौते दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेंगे।

 

पहला समझौता- विदेश मंत्रालय लेबल पर जॉइंट कमीशन बैठक की स्थापना करना।

दूसरा समझौता- पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में दोनों देश एक्सपर्ट्स की ट्रेनिंग और एक्सपीरियंस शेयर करेंगे।

तीसरा समझौता- कल्चरल एक्टिविटी से जुड़ा है, जिससे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

 

*मोदी को 21 तोपों की सलामी दी गई*

 

PM नरेंद्र मोदी बुधवार को अफ्रीकी देश घाना पहुंचे। घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने राजधानी एक्रॉ में एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी को 21 तोपों की सलामी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

 

इसके बाद मोदी होटल पहुंचे, जहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। होटल के बाहर भारतीय वेशभूषा में पहुंचे स्कूली बच्चों ने मोदी को संस्कृत में श्लोक सुनाया।

 

इसके बाद उन्होंने घाना के राष्ट्रपति के साथ राजधानी अक्कारा के जुबली हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की।

 

PM मोदी के घाना दौरे की 5 तस्वीरें…✍️

 

दोनों देशों के विदेश सचिव ने बुधवार को MoU साइन किए। इस दौरान पीएम मोदी और घाना के राष्ट्रपति महामा पीछे खड़े रहे।

 

पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति के साथ मंगलवार रात द्विपक्षीय वार्ता की।

 

पीएम मोदी के सम्मान में घाना की भारतवंशी महिलाओं ने शास्त्रीय नृत्य किया।

 

घाना के राष्ट्रपति ने मोदी को रिसीव किया। इसके बाद उन्हें एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर मिला।

 

एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के सम्मान में पारंपरिक लोक नृत्य किया गया।

 

*भारत ने घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन दी थी*

 

भारत और घाना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे के मजबूत समर्थक रहे हैं। दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में मिलकर काम करते हैं। घाना ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन किया है।

 

जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और अन्य वैश्विक मुद्दों पर दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने घाना को वैक्सीन और चिकित्सा मदद दी थी। भारत ने घाना को 6 लाख कोविड वैक्सीन दी थी।

 

*गांधी के आदर्शों पर चलकर घाना को आजादी मिली*

 

क्वामे एन्क्रूमा घाना के सबसे बड़े नेता थे, जिन्हें ‘अफ्रीका का महात्मा गांधी‘ भी कहा जाता है। उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई के दौरान गांधीजी के विचार पढ़े और उनसे बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद घाना आकर उन्होंने कन्वेंशन पीपुल्स पार्टी (CPP) बनाई और देश में आजादी की लड़ाई शुरू की।

 

एन्क्रूमा ने इसके लिए अहिंसा, एकता और नागरिक अवज्ञा जैसे गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल किया। एन्क्रूमा का मानना था कि बिना हिंसा के ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाकर ही घाना आजाद हो सकता है, जैसा गांधी ने भारत में किया था।

 

एन्क्रूमा ने 1950 में ‘पॉजिटिव एक्शन’ नाम से देशभर में हड़ताल की अपील की। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई। 6 मार्च 1957 को एन्क्रूमा की अगुआई में घाना अफ्रीका का पहला देश बना जिसने ब्रिटेन से आजादी हासिल की।

 

घाना की आजादी का असर पूरे अफ्रीका पर पड़ा। लिहाजा बाकी देशों में भी आजादी की मांग तेज हो गई। कुछ ही साल बाद नाइजीरिया, केन्या, तंजानिया जैसे कई देशों ने ब्रिटिश, फ्रेंच या बेल्जियन उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता हासिल की।

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