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          अजमेर, 13 मई। जीव जन्तु कल्याण बोर्ड सामुदायिक पशुओं के प्रति दया भावना विकसित कर नियमित रूप से भोजन पानी उपलब्ध कराने के लिए जागरूक कर रहा है। 

          राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड सामुदायिक पशुओं के लिए आमजन को जागरूक करने का कार्य कर रहा है। भारतीय समाज की परम्परा में सामुदायिक पशुओं (विशेष रूप से गाय एवं श्वानों) तथा चिड़ियाओं को खिलाने के लिए प्रतिदिन खाना देना शामिल रहा है। बहुत सारे सामुदायिक पशु इसी परम्परा से जीवित रहते हैं। भोजन के इसी स्त्रोत पर आश्रित रहते हैं। कालान्तर में इन परम्पराओं के निर्वहन में कमी आने और निराश्रित पशुओं की संख्या में वृद्धि से इन पशुओं के लिए आहार का अभाव होने लगा एवं भूख के कारण पशुओं के आक्रामक होने की घटनाएं बढ़ने लगी। आमजन द्वारा अपनी क्षमतानुसार सामुदायिक पशुओं को खाना देने में योगदान दिया जाना अपेक्षित है। 

          भारत सरकार द्वारा पशु जन्म नियन्त्रण नियम, 2023 में सामुदायिक पशुओं को खिलाने का नियम सम्मिलित किया गया है। यह इन्हीं परम्पराओं को सतत् रखने को परिलक्षित करता है। इन नियमों में जीवों के प्रति दया भावना रखने वाले व्यक्तियों की सहायतार्थ कई प्रावधान किए गए हैं। 

*सामुदायिक पशुओं को खिलाना*

          सामुदायिक पशुओं को खिलाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का उत्तरदायित्व रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन अथवा उस क्षेत्र के स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि का होगा। इनके द्वारा फीड स्पॉट सुनिश्चित किया जाना चाहिए। फीड स्पॉट नामित करते समय श्वानों की आबादी और उनके सम्बन्धित क्षेत्रों की संख्या को ध्यान में रखते हुए पारस्परिक रूप से सहमत स्थान पर होना चाहिए। यह बच्चों के खेलने के क्षेत्रों, प्रवेश और निकास बिन्दुओं, सीढ़ियों से दूर होंगे। फीड स्पॉट के लिए एक फीडर भी नामित होना चाहिए। नामित फीडर यह सुनिश्चित करेगा कि फीडिंग स्थान पर कोई गंदगी न हो। नामित फीडरों को पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम में सहायता हेतु टीकाकरण, कुत्तों को पकड़ने और छोड़ने के लिए स्वयं सेवा की अनुमति है। 

          इन स्थानों पर पशु कल्याण समिति का गठन किया जा सकता है। इसमें मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी या उनके प्रतिनिधि, क्षेत्राधिकार वाले पुलिस के प्रतिनिधि, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति के प्रतिनिधि या राज्य पशु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि, पशु जन्म नियंत्रण का संचालन करने वाले किसी भी मान्यता प्राप्त पशु कल्याण संगठन का प्रतिनिधि, स्थानीय प्राधिकारी द्वारा प्रतिनियुक्त पशु चिकित्सा अधिकारी, शिकायतकर्ता, उस क्षेत्र के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन या अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन या स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि शामिल होंगे। समिति उस क्षेत्र में उन जानवरों को खिलाने के लिए बोर्ड द्वारा नामित कॉलोनी से केयर टेकर व्यक्ति को भी नामित कर सकती है। समिति के निर्णय से व्यथित होने पर अपील, राज्य बोर्ड को दायर की जाएगी। राज्य बोर्ड का निर्णय जस क्षेत्र में पशुओं को खिलाने का अंतिम निर्णय होगा।

 

 

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