अजमेर। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा ने ऐसे जख्म दिये हैं। जिन्हें ताउम्र भरा नहीं जा सकता है। हिंसा के दौरान खौफ के साए में लोग अपनों को बचाने के लिए आगे भी नहीं आ पाए। बस अपनों की मौत का खौफनाक मंजर मुंह बंद कर देखते रहे। पुलिस ने 74 वर्षीय हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंदन दास के शवों को शमशेरगंज के जाफराबाद स्थित उनके घर से बरामद किया। शुक्रवार शाम को 300-400 लोगों की भीड़ ने इलाके में घरों और दुकानों पर हमला किया था। हथियारबंद लोग हरगोबिंद दास के घर में घुस गये, दोनों लोगों को बाहर खींच लिया, उनकी पिटाई की और उन्हें गंभीर अवस्था में छोड़ दिया… कुछ ही घंटों में दोनों की मौत हो गई।