अजमेर। राजस्थान के बहुचर्चित समरावता थप्पड़ कांड में बड़ा मोड़ सामने आया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने मामले की विस्तृत जांच के बाद दौसा जिले के SDM को दोषी ठहराया है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि SDM ने पद के दुरुपयोग के तहत एक अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ अमानवीय और असंवैधानिक व्यवहार किया। साथ ही आयोग ने इस पूरे प्रकरण में पूर्व मंत्री नरेश मीणा की गिरफ्तारी को भी संदिग्ध करार देते हुए उसकी पुनः निष्पक्ष जांच की सिफारिश की है।
यह मामला वर्ष 2023 में तब सुर्खियों में आया था जब दौसा जिले के लालसोट विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में SDM द्वारा एक जनजातीय महिला को थप्पड़ मारने की घटना कैमरे में कैद हुई थी। घटना के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नरेश मीणा ने महिला के पक्ष में आवाज उठाई, लेकिन कुछ ही समय बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी को लेकर तब से ही राजनीतिक प्रतिशोध की आशंका जताई जाती रही है।