अजमेर। हर साल फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन करने की परंपरा है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाएगा। होलिका दहन का त्योहार बुराई की अच्छाई पर जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। वहीं, भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को शुरू होता है। इससे पूर्व पुराने संवत्सर को विदाई देने और इसकी नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए भी होलिका दहन किया जाता है। इसलिए इसे कहीं-कहीं संवत जलाना भी कहा जाता है।