अजमेर। जाने-माने लेखक, शायर और गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि आज के दौर में अंग्रेज़ी सीखना बहुत ज़रूरी है। लेकिन मातृभाषाओं की उपेक्षा करना ग़लत है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन जावेद अख़्तर ने दोहों के बारे में अपनी किताब पर परिचर्चा के दौरान मातृभाषा के महत्व पर अपनी राय रखी। जावेद अख़्तर ने हिन्दी लेखन में दोहे और कहावतों की परंपरा को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया और कहा कि आज की पीढ़ी की भाषा से ये ग़ायब हो चुकी हैं।