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            अजमेर, 28 जनवरी।  राजस्थान राज्य महिला आयोग द्वारा बुधवार को सर्किट हाऊस में जन सुनवाई की गई। इसमे संभाग के विभिन्न जिलों से आई महिलाओं ने अपनी परिवेदनाएं प्रस्तुत की। 

            राजस्थान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने बताया कि महिला आयोग द्वारा राज्य के समस्त संभागों पर बैठक एवं जन सुनवाई का कार्यक्रम रखा गया है। इसके अन्तर्गत बुधवार को अजमेर में जन सुनवाई की गई। जन सुनवाई सर्किट हाऊस में हुई। मुख्यालय एवं संभाग के जिलों से आई हुई महिलाओं ने अपनी समस्याएं रखी। इन्हें आयोग द्वारा धैर्यपूर्वक सुना गया। इन प्रकरणों  पर कार्यवाही कर पीड़ित महिलाओं को राहत पहुँचाने का आश्वासन दिया गया है। 

            उन्होंने बताया कि जन सुनवाई में पारिवारिक कलह, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद, उत्पीड़न एवं बलात्कार जैसे अपराधों से सम्बन्धित प्रकरण प्राप्त हुए। आयोग के पास विभिन्न माध्यमों से प्रतिदिन लगभग 5 प्रकरण आते है। गत 3 वर्षों में  11 हजार 609 प्रकरण प्राप्त हुए। आयोग द्वारा पूर्व के बकाया प्रकरणों को मिलाकर 25 हजार 248 प्रकरण निस्तारित किए गए। वर्तमान में आयोग के पास 2 हजार 564 प्रकरण प्रक्रियाधीन है। इन प्रकरणों को शीघ्र निस्तारित कर पीड़िताओं को राहत देने के लिए आयोग संकल्पबद्ध है। 

            उन्होंने बताया कि महिला आयोग प्रकरण के प्राप्त होते ही सक्रियता के साथ कार्य करने लगता है। आयोग के सदस्य, अधिकारी एवं न्याययिक प्रक्रिया से जुडे अधिकारी कर्मठता एवं ईमानदारी के साथ कार्य करते है। पीड़िता को राहत पहुंचाने के लिए प्रत्येक स्तर से सम्पर्क किया जाता है। समस्त प्रकरणों पर त्वरित न्याय दिलाने की भावना के साथ आयोग कार्य करता है। झूठा प्रकरण दर्ज करवाने वालों के विरूद्ध भी कार्यवाही करते है। 

            इस अवसर पर महिला आयोग के जज बृज माधुरी शर्मा, सदस्य सुमन यादव, सदस्य सचिव श्री विरेन्द्र सिंह यादव, उप सचिव श्री अनिल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मिताली गर्ग एवं महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री जगदीश चौधरी उपस्थित रहे।

 

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