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अजमेर, 19 अक्टूबर। राजस्व अधिकारियों की बैठक शनिवार को जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसमें विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई। राजस्व अदालतें समस्त कार्य दिवसों को लगाई जाकर अधिकतम वाद निस्तारित करने के लिए निर्देशित किया गया। 

जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने कहा कि राजस्व न्यायालय समस्त कार्य दिवसों को लगाने चाहिए। इससे प्रकरण निस्तारण में तेजी से आएगी। दस वर्षों से अधिक पुराने प्रकरणों की साप्ताहिक सुनवाई करना सुनिश्चित करें। भू-राजस्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं के प्रकरणों को भी तेजी से निस्तारित करें। अनुसूचित जाति जन जाति की भूमि पर अन्य व्यक्तियों द्वारा कब्जा करने की स्थिति में सुसंगत धाराओं में प्रकरण दर्ज कर बेदखली की कार्यवाही की जाए। 

उन्होंने कहा कि भू-संपरिवर्तन के प्रकरणों का नियत समयावधि में निस्तारण करें। राइजिंग राजस्थान अभियान के अन्तर्गत निवेश बढ़ाने के के लिए यह आवश्यक है। गत दो वर्षो में हुए भू-संपरिवर्तन के आवेदकों से सम्पर्क कर निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करें। जिले में आगामी 8 नवम्बर तथा राज्य स्तर पर 10 तथा 11 नवम्बर को इन्वेस्टर समिट के लिए एमओयू की पृष्ठभूमि तैयार करने के प्रयास किया जाएं। 

उन्होंने कहा कि सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों का गुणात्मक नियंत्रण आवश्यक है। परिवादी से फोन पर बात करके सत्यापन करें। अधिक संख्या में रिजेक्ट होने पर परिवादियों से व्यक्तिगत बात की जाए। प्रकरण के रिजेक्ट होने की जानकारी परिवादी को भी दें।  इसी प्रकार मुख्यमंत्राी कार्यालय से प्राप्त ई-डाक के पत्रों पर भी गम्भीरता से कार्य करें। इनकी रिपोर्ट प्रति सप्ताह भेज जाए। रिपोर्ट से पूर्व परिवादी से भी चर्चा करे लें।

उन्होंने कहा कि समस्त राजस्व अधिकारी नियमित रूप से फील्ड विजिट करें। वे अपने निरीक्षण, रात्रि विश्राम एवं रात्रि चौपाल का अगले माह का कैलेंडर बनाएं। कैलेंडर के अनुसार किए गए कार्य को पोर्टल पर अपलोड किया जाए। अवशेष वन भूमि को अमल दरामद करने के कार्यवाही वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर करें। भूमि आवंटन की पत्रावलियों में पाई गई कमियों की पूर्ति सम्बन्धित विभाग द्वारा करवाकर कार्यवाही की  जाए। 

उन्होंने कहा कि एलआरएक्ट के अन्तर्गत वसूली प्रकरणों की नोटिस तामील करवाकर वसूली अथवा कुर्की की कार्यवाही अमल में लाएं। प्रतिमाह 10 प्रतिशत प्रकरणों पर नियमित कार्यवाही करने का लक्ष्य निर्धारित करें। आमजन के नामांतरण आवेदनों में से अस्वीकृत प्रकरणों की यादृच्छ जांच होनी चाहिए। इनमें से तहसीलदार स्तर पर 5 प्रतिशत तथा उपखण्ड अधिकारी स्तर पर 10 प्रतिशत की जांच होगी। इसकी पांच रिपोर्ट आगामी सात दिवस में जिला स्तर को भेजी जाएगी। विरासत के स्वीकृत नामान्तरणों में सर्वाधिक ओटो फोरवर्ड वाले पटवारियों के कार्य की समीक्षा तहसीलदार द्वारा की जाएगी। लापरवाही सामने आने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की ई केवाईसी के लिए पटवारी के माध्यम से काश्तकारों को प्रेरित करें। शत प्रतिशत ई केवाईसी के लिए दीपावली के पश्चात अभियान चलाया जाएगा। शस्त्रा अनुज्ञा पत्रा नवीनीकरण नियमानुसार हो। नवीनीकरण नहीं करवाने वाले अनुज्ञा पत्रा धारकों को नोटिस देकर अनुज्ञा पत्रा निलम्बन की कार्यवाही की जाए। शस्त्रा को निकटवर्ती पुलिस थाने मंें जमा करावें। फसल खराबे की सूचना भिजवाए। सीएलजी की बैठक लेें। उर्वरकों का वितरण जमाबंदी के अनुसार किया जाए। 

इस अवसर पर उप वन संरक्षक श्री सुगना राज जाट, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़, ज्योति ककवानी , प्रशिक्षु आईएएस महिमा कसाना, उपखण्ड अधिकारी पदमा देवी, श्री देवीलाल यादव, श्री गौरव मित्तल, श्री राज वीर एवं निशा सहारण सहित समस्त राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।

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