अजमेर। ज.ला.ने. मेडिकल कॉलेज में स्वामी विवेकानन्द के शिकागो में दिए भाषण की 131वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष में *’दिग्विजय दिनोत्सव’* मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत-माता, भगवान धन्वन्तरी एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
एन.एम.ओ अजयमेरु इकाई के सचिव डॉ लीलाधर पालीवाल द्वारा मंचासीन महानुभावों का परिचय कराया गया। श्री यश तिवाड़ी द्वारा एकात्मता मंत्र व एनएमओ मंत्र कराया गया। डाॅ.राजेश खत्री, संयोजक द्वारा एन.एम.ओ का का दर्शन, उद्देश्य सहित विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया गया। डाॅ अभिषेक मेवाड़ा ने स्वामीजी के ओजस्वी प्रेरणास्पद वचनों का अवतरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान क्षेत्र की क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री हनुमान सिंह राठौड़ (मुख्य वक्ता), ज.ला.ने. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ अनिल सामरिया (कार्यक्रम अध्यक्ष), अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ श्याम भूतड़ा (विशिष्ट अतिथि), डॉ संजीव माहेश्वरी, डॉ अरविंद खरे, डॉ अमित यादव, डॉ मणिराम कुम्हार, डॉ महावीर प्रसाद शर्मा तथा डॉ रंजना बड़जात्या एवं डॉ महेंद्र खन्ना सहित पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों एवं विद्यार्थियों की सहभागिता रही।
कार्यक्रम में *‘ स्वामी विवेकानन्दजी का भारत के नव-निर्माण में योगदान’* विषय पर व्याख्यान-माला हुई, जिसमें 8 रेज़िडेंट चिकित्सकों एवं विद्यार्थीयों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री हनुमान सिंह राठौड़ ने कहा कि *’धर्म’ शब्द ‘रिलीजन’ का पर्याय नहीं, इसे किसी रिलीजन यथा पूजा पद्धति, मत, पंथ विशेष से नही जोड़ा जा सकता और न ही रिलीजन से परिभाषित हो सकता। अपितु जिसे धारण किया जा सके वही धर्म है। धर्म व्यक्ति या समाज के कर्तव्य और उत्तरदायित्व तथा उसकी प्रकृति, स्वभाव के लिए प्रयुक्त होता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नागरिक शिष्टाचार या कर्त्तव्यों का पालन करना ही धर्म है। इनके विपरीत काम भी अधर्म है। भारतराष्ट्र के धर्म में सर्वे भवन्तु सुखिनः, आत्मवत् सर्वभूतेषु सहित एकम् सत विप्रा बहुधा वदन्ति की भावना अन्तर्निहित है।*
डॉ महादेव सोलंकी, सह-सचिव ने उपस्थित सभी चिकित्सकों, विद्यार्थियों और हित चिंतकों का धन्यवाद ज्ञापन किया मंच-संचालन डॉ हितेष गर्ग (प्रचार-प्रमुख) द्वारा किया गया।
अन्त में कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
डा.राजेश खत्री
संयोजक