अजमेर। कामधेनु सेना अजमेर को फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति ने सूचना दी। कि एक गोमाता जिसके रेलवे लाईन पर लगे हुए। लोहे के नुकीले एंगल से अत्यधिक जख्मी हालत में एवं गोमाता के आर्गन भी काफी बाहर निकले हुए थे। और गोमाता को काफी तक्लीफ भी हो रही थी। और वह विचरण कर रही है तो तुरंत ही कामधेनु सेना अजमेर के प्रदीप व्यास ने तत्परता दिखाते हुए। उक्त गोमाता को लगभग एक से डेढ़ घंटे कड़ी मेहनत से गोमाता का रेस्क्यू कर गोमाता का मौके पर ही एक छोटा सा आपरेशन कर गोमाता के आर्गनो को सफलतापूर्वक गोमाता के शरीर में डालकर गोमाता के लगभग चालीस से पचास टांके लगाकर गोमाता की जान बचाई और गोमाता का प्राथमिक उपचार करने के बाद गोमाता अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। रात भर जब गोमाता पशुपालक के घर नहीं पहुंची तो पशुपालक ने कांजी हाउस फोन पर सूचना प्राप्त करी। जिस पर पशुपालक कांजी हाउस में जाकर डरा धमकाकर अपनी गोमाता को वापस ले जाने की बात कर रहा है। अब आप सभी यह बताएं कि अगर यह गोमाता रात में ही स्वर्गवास हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। जब गोमाता जख्मी हालत में थी तब पशुपालक अपने घर पर आराम की नींद सो रहा था। और गोमाता काफी तक्लीफे सहकर अपने बचने की जुगत लगा रही थी। भला हो उन भाईयों का जिन्होंने कामधेनु सेना अजमेर को फोन पर सूचना देकर एक गोमाता की जान बचाई। जय गो माता जय गोपाल