अजमेर। भाई-बहन के अटूट संबंध का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व इस साल 19 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा। यह पवित्र पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनके कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई बसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं। राजसूय यज्ञ के समय द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था। तभी से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है। इस पर्व को लेकर अजमेर शहर के सभी इलाकों के बाजारों में राखी की दुकानें सज गई है। श्रावण पूर्णिमा की तिथि पर भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनों को लंबा इंतजार करना होगा। बहनें अगर भद्रा की टाइमिंग को लेकर कंफ्यूज हैं, तो बता दें कि रक्षा बंधन का पर्व भद्रा के कारण दोपहर बाद मनााया जाएगा। होली और रक्षा बंधन पर भद्रा का विचार किया जाता है। इस बार भद्रा सुबह सूर्योदय से पहले लग जाएगी, जो सात घंटे 40 मिनट तक रहेगा। दोपहर में भद्रा समाप्त होने के बाद से मध्यरात्रि के कुछ मिनट पहले तक बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। ज्योतिष शास्त्रत्त् के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर बाद मिलेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. मुकेश कुमार दुबे ने बताया कि सावन पूर्णिमा को भोर में 5.53 बजे भद्रा लग जाएगा। यह दोपहर 1.33 बजे तक रहेगा। उसके बाद बहनें भाइयों को राखी बांध सकती हैं। कुछ ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि रक्षा बंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में हैं, इसलिए भद्रा पृथ्वीलोक में और इसका असर नहीं होगा। सनातन धर्म के निर्णायक ग्रंथ निर्णय सिंधु के अनुसार रक्षाबंधन पर्व उदया तिथि के अनुसार 19 अगस्त को ही मनाया जाएगा। यह पर्व दोपहर एक बजकर 33 मिनट से रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक मनाया जा सकता है।