अजमेर। भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार का दरवाजा 46 साल बाद रविवार दोपहर 1:28 बजे खोल दिया गया। परंपरा के मुताबिक सुबह सबसे पहले भंडार के रक्षक भगवान लोकनाथ महादेव से अनुमति लेकर आज्ञा माला (भगवान जगन्नाथ की मालाएं) को लाया गया। कलक्टर द्वारा सौंपी गई डुप्लीकेट चाबी से ताले को खोलने का प्रयास किया गया, लेकिन जंग लगने की वजह से ताला नहीं खुल पाया। ताले को तोड़ दिया गया। इससे पहले रत्न भंडार में प्रवेश करने वाले सभी 12 लोगों ने भगवान लोकनाथ के सामने शपथ ली कि वे अंदर जो देखेंगे किसी को नहीं बताएंगे। सिर्फ सरकार को रत्नों की जानकारी देंगे।