अजमेर। अजमेर के जिला पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने इन दिनों साबइर क्राइम के प्रति स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों खासकर छात्राओं को जागरूक करने का अभियान चला रखा है। इसके लिए विश्नोई स्वयं स्कूल कॉलेज जाकर विद्यार्थियों से संवाद कर रहे हैं। छात्राओं के लिए विश्नोई ने अपना मोबाइल नंबर 9521230829 भी सार्वजनिक किया है। विश्नोई ने छात्राओं से कहा कि यदि कोई असामाजिक तत्व उन्हें परेशान करता है तो सीधे मुझे मोबाइल पर सूचित किया जाए। मेरे पुलिस अधीक्षक रहते हुए महिलाओं और छात्राओं को किसी भी असामाजिक तत्व से डरने की जरुरत नहीं है। महिला-छात्रा का नाम और पहचान गुप्त रखकर आपराधिक तत्व के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। लेकिन इसके साथ ही विश्नोई ने छात्राओं से कहा कि वह मोबाइल का उपयोग करते समय सावधानी बरते। सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर ऐसा संदेश या कमेंट न करे, जिसकी वजह से उन्हें बाद में ब्लैकमेल किया जाए। अपने मित्रों से बात करते हुए भी छात्राओं को सावधानी बरतनी चाहिए। विश्नोई ने कहा कि अब ज्यादातर अपराध मोबाइल की वजह से हो रहे है। छात्राएं जब भूलवश या अन्य किसी कारण से कोई कमेंट कर देती है तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। विश्नोई ने कहा कि साइबर क्राइम की वजह से सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट अपराधी तत्वों के हाथ भी लग जाती है। आपके मोबाइल का डेटा भ अपराधी तत्वों के हाथ लग जाता है। बिश्नोई ने बढ़ते साइबर क्राइम से होने वाले अपराधों की जानकारी छात्राओं को दी। 13 जुलाई को अजमेर के सेंटर मेरी गर्ल्स स्कूल में छात्राओं को संबोधित करते हुए विश्नोई ने माता पिता से भी अपील की है कि वह अपने बच्चों की असीमित और अनावश्यक मांगों को पूरा न करे। कई बार माता पिता का लाड प्यार ही बच्चों को बिगाड़ देता है। उन्होंने माना कि पढ़ाई के लिए मोबाइल और इंटरनेट भी जरूरी हो गया है। लेकिन माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों के मोबाइल फोन की गतिविधियों पर निगरानी रखे। बच्चों को गलत राह पर जाने से रोकने की पहली जिम्मेदारी माता पिता की है। विश्नोई ने इस बात पर अफसोस जताया कि जब छोटा बच्चा रोता है तो माता पिता मोबाइल देकर चुप करा देते हैं। यहां तक कि खाना खिलाते समय भी मासूम बच्चों को मोबाइल हाथ में दे दिया जाता है। यानी हम मासूम को बचपन से ही मोबाइल की अदालत डाल रहे हैं।