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              अजमेर, 18 जून। प्रधानमंत्री किसान सम्मान विधि-2024 जारी करने के कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने श्री अन्न को अपनाने का आह्वान किया। 

              प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि-2024 की किश्त जारी करने के कार्यक्रम मंन केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कृषि सखियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय बीजीय एवं मसाला अनुसंधान केन्द्र तबीजी फार्म में आयोजित हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का यहां सीधा प्रसारण किया गया। सीधे प्रसारण के लिए राष्ट्रीय सूचना केन्द्र द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया। इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि-2024 की किश्त जारी की गई। राजस्थान मेें 30 लाख किसान इससे लाभान्वित हुए। सभागार में उपस्थित कृषि सखियों एवं किसानों को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सम्बोधित किया। 

              केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता श्री अन्न को अपनाने की है। श्री अन्न कम पानी में तैयार होते है। साथ ही अधिक पौष्टिक भी होते है। आजादी के पश्चात लम्बे समय तक किसानों की सुध नहीं ली गई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से किसानों को अन्नदाता का सम्मान दिया। तीसरी बार पद ग्रहण करने पर पहला आदेश किसान सम्मान निधि को जारी करने का निकाला। किसानों ने देश को अन्न उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है। इन दस वर्षों में श्री अन्न को आगे बढ़ाया गया है। दस वर्ष के पूर्व बाजरे का समर्थन मूल्य 1100 रूपए था। उसे बढ़ाकर 2500 रूपए प्रति क्विंटल करने से किसानों की आय में वृद्वि हुई है। 

              उन्होंने कहा कि किसानों को खाद और बीज समय पर मिलना चाहिए। साथ ही यह सामग्री प्रमाणित भी हो। इसके अभाव में किसान अप्रमाणिक सामग्री का उपयोग कर ठगा जाता है। कृषि सखियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मातृ शक्ति के उत्थान में देश का उत्थान निहित है। कृषि सखियों द्वारा सीखी गई विधाएं क्षेत्र के किसानों का जीवन बदलने वाली होगी। इससे नवीनतम तकनीक प्रयोगशाला से खेत तक पहुंचेगी।

              विधायक श्री विरेन्द्र सिंह कानावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की चिन्ता की है। उन्हेंं 6 हजार रूपये की किसान सम्मान निधि दी है। इसे आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इसमें 2 हजार की वृद्वि कर 8 हजार कर अपने संकल्प को पूर्ण किया है। मोटे अनाज को आज सम्पूर्ण विश्व श्री-अन्न के रूप में उपयोग कर रहा है। आम जन के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू की गई। इसी तर्ज पर मिट्टी की उर्वरा क्षमता को अक्षुण रखने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड योजना चलाई जा रही है। 

              श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने कहा कि राजस्थान के किसानों के जीवट ने यहां की विषम परिस्थितियों में भी भरपूर फसल उत्पादन करके दुनिया को दिखाया है। उत्तम कृषि तकनीकों को अपनाने से उत्पादन में वृद्वि होगी। हरित क्रान्ति पारम्परिक फसलों के लिए भी होनी चाहिए। श्री अन्न में जौ को भी शामिल करने से किसानों की आय बढ़ेगी। 

              राष्ट्रीय बीजीय एवं मसाला अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. विनय भारद्वाज ने अनुसंधान में नवीन पहल तथा योजनाओं की जानकारी दी। निदेशक विस्तार शिक्षा एसकेएनएयू जोबनेर डॉ. सुरेश कुमार ने सांध्यकालीन चौपाल के माध्यम से किसानों की समस्याओं के समाधान की जानकारी दी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी के निदेशक श्री जे.पी. मिश्रा ने कृषि की दिशा और दशा सुधारने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम में 400 कृषि सखियों तथा प्रगतिशील कृषकों को प्रमाण पत्र जारी किए गए। साथ ही बीज किट का वितरण भी किया गया। 

              इस अवसर पर जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित, जिला परिषद सदस्य श्री महेन्द्र सिंह मझेवला, पूर्व प्रधान श्री दिलीप पचार सहित किसान एवं अधिकारी उपस्थित थे।

 

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