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 अजमेर, 10 जून। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के निर्देशों के तहत अजमेर जिले ने आगामी वर्षा ऋतु में हरियाली की ओर बड़ा कदम उठाने का निर्णय किया है। बारिश में अजमेर जिले में 15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। अजमेर विकास प्राधिकारण भी विभिन्न स्थानों पर सघन वन विकसित करेगा। पौधरोपण के इस महा अभियान में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सरकारी विभाग, निजी संस्थाएं और बड़ी कंपनियों को भी जोड़ा जाएगा।

 जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने सोमवार को कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में सघन वृक्षारोपण अभियान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस साल वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए सभी मिल कर काम करेंगे। इस अभियान में सभी सरकारी विभागों, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बिजली विभाग, पीडब्ल्यूडी, नेशनल हाइवे अथॉरिटी, पंचायतीराज विभाग सहित होटल एसोसिएशन, निजी संस्थाओं और प्राइवेट कंपनियों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने अजमेर विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए कि विभिन्न स्थानों पर सरकारी भूमि का चयन कर सघन वन विकसित करें। इसके लिए अतिशीघ्र स्थान चयन व अन्य तैयारियां पूरी कर ली जाएं।

 उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के निर्देशों के तहत इस बार सभी को साथ लेकर वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाना है। अजमेर में वन विभाग की नर्सरियों में पौधे तैयार कर लिए गए हैं। जहां-जहां पौधे लगाएं जाने हैं, वहां गड्ढे अभी से तैयार करवा लिए जाएं ताकि पहली बारिश आते ही वृक्षारोपण कर दिया जाए। वृक्षारोपण के बाद सारसंभाल और नियमित जांच भी करवाई जाएगी ताकि प्रगति की समीक्षा की जा सके।

 उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में वृक्षारोपण ही एकमात्र स्थायी समाधान है। गांवों में चारागाहों में भी पौधरोपण करवाया जाएगा ताकि पशुओं को छाया मिल सके। हर गांव के चारागाह को इसी तरह विकसित किया जाए कि वहां पेड़ों की कोई कमी ना रहे।

 वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग की नर्सरियों में पौधे तैयार हैं। इस बार इनकी दर 5 रूपए, 6, 10, 15 व 25 रूपए रखी गई है। सरकारी विभागों को 50 प्रतिशत की छूट रहेगी। उन्होंने बताया कि विभाग पौधों की आपूर्ति के लिए पूरी तरह तैयार है।

 

*जिला कलक्टर ने विभिन्न बैठकों में दिए गुड गवर्नेंस के निर्देश*

 जिला कलक्टर डॉ. भारती दीक्षित ने सोमवार को विभिन्न बैठकों में अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता के साथ गुड गवर्नेंस के जरिए आमजन को राहत देने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला पर्यावरण समिति की बैठक में आनासागर झील में किसी भी तरह गन्दे पानी की सप्लाई नहीं होनी चाहिए। सभी नालों का पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्वच्छ होने के बाद ही झील में छोड़ा जाए। इसी तरह अन्य झीलों व तालाबों में भी गन्दे पानी की आवक पर रोक लगाई जाए।

 उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी क्षेत्रों में डम्पिंग यार्ड की उचित व्यवस्था हो, वहां सौलिड वेस्ट मैनेजमेंट के पुख्ता बंदोबस्त हों। अस्पतालों में कचरा निस्तारण की व्यवस्था पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी निगरानी रखे। परिवहन विभाग वाहन प्रदूषण की जांच करे। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

 जिला कलक्टर ने सभी उपखण्ड अधिकारियों व अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि जलाशयों पर अतिक्रमणों को चिंहित कर उन्हें हटाया जाए। गन्दे पानी की आवक रोकी जाए। तालाबों व बांधों पर अतिक्रमण ना हों। पंचायतीराज विभाग भी छोटे तालाबों में पानी की आवक के रास्ते खुलवाए। जिला कलक्टर ने स्वच्छ भारत मिशन और अन्नपूर्णा रसोई योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने अन्य योजनाओं में भी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ काम करने के निर्देश दिए।

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