अजमेर। सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व है वेद पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली अमावस्या महत्वपूर्ण है। इस बार अमावस्या 6 जून गुरुवार को है। इसलिए वट सावित्री व्रत गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष की पूजा अर्चना करती है। ज्येष्ठ का महीना मौसम के लिहाज से भी बेहद कष्टकारी महीना होता है। लेकिन इस महीने की धार्मिक मान्यता अत्यंत है. इसी महीने में वट सावित्री पूजा से लेकर निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे व्रत मनाए जाते हैं. इन सभी व्रत की महत्ता काफी है. इस साल ज्येष्ठ महीना 24 मई 2024 से 23 जून तक रहेगा. इस बीच कई तरह के व्रत मनाए जाएंगे. गर्मी के प्रचंड प्रकोप से इस महीने में मनाए जाने वाले सभी प्रकार के व्रत रखना काफी मुश्किल से भरा होता है और इसलिए इस महीने में रखे जाने वाले सभी व्रत का फल सामान्य व्रत से कई गुना अधिक मिलता है. ज्येष्ठ के महीने में व्रत के साथ-साथ दान-पुण्य का भी बड़ा महत्व होता है. खासकर इस महीने में जलदान करना सबसे शुभ माना जाता है. इस महीने में पशु पक्षियों को जल का दान देना कई पुण्य के समान होता है।