अजमेर। आनासागर झील को जलकुम्भी से जल्द ही राहत मिलने की खुशखबर आने वाली है। प्रशासन द्वारा सम्मिलित रूप से किए गए प्रयासों से अब जलकुम्भी के मात्र 1.82 प्रतिशत क्षेत्रा तक सीमित होने से आनासागर खुलकर सांस लेने लगेगा।
जिला कलक्टर डाॅ. भारती दीक्षित ने बताया कि आनासागर झील से जलकुंभी निकालने का अभियान 20 मार्च 2024 से अनवरत चल रहा है। इससे लगभग 11 हजार 725 डंपर जलकुंभी का झील से बाहर निकासी की गई है। वर्तमान समय में इस अभियान के अन्तर्गत पुरानी जेट्टी पर डिवीडिंग मशीन तथा बडी वाली 40 फीट लम्बी बूम की पोकलेन मशीन लिंक रोड चैपाटी पर कार्यरत है।
उन्होंने बताया कि नगर निगम आयुक्त श्री देशल दान के निर्देशन में लगातार कार्य किया गया। नगर निगम की पूरी टीम ने समर्पित भाव से कार्य किया। इसके परिणाम स्वरूप वर्तमान में जलकुम्भी का क्षेत्राफल बहुत कम हो गया है। इसको अन्य स्थानों पर फैलने से रोेकने के लिए कोटा से विशेष प्रकार का लम्बा जाल मंगवाकर पुरानी चैपाटी के आस पास जलकुम्भी को लाॅकिंग किया गया है। इससे हवा के दवाब के कारण जलकुम्भी का फैलाव स्थिर रहेगा। हवा के झोंकों से जलकुम्भी अन्यत्रा छितरी हुई अवस्था में कम से कम होगी।
उन्होंने बताया कि झील में आॅक्सीजन स्तर बढ़ाने के लिए लिंक रोड चैपाटी पर 4 एरिएटर एवं सर्किट हाऊस के नीचे की तरफ फव्वारे स्थापित किए गए हैं। इन एरिएटर तथा फव्वारों से वायुमण्डलीय आॅक्सीजन जल में घुलनशील होकर आॅक्सीजन का स्तर बढ़ाएगी। यह जलीय जन्तुओं के लिए प्राणदायक होगी। घुलनशील आॅक्सीजन का स्तर बढ़ने से पानी से आने वाली दुर्गन्ध से भी राहत मिलेगी। गर्मी के मौसम में तेज धूप के कारण जलीय शैवालों की काॅलोनी तेजी से बढ़कर जल को दुर्गन्धित कर सकती है। अब ऐसा नहीं होने से चैपाटी का आनन्द लिया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा गठित नगर निगम की विशेष टास्क फोर्स टीम द्वारा भीषण गर्मी में भी दिन-रात किए गए अथक प्रयासों के कारण झील का अधिकांश भाग जलकुम्भी मुक्त हो गया है। झील का कुल क्षेत्राफल 776 एकड़ (3.14 वर्ग किलोमीटर) है। इसमें से मात्रा 57374 वर्ग मीटर में ही जलकुम्भी बची है। यह सम्पूर्ण झील का मात्रा 1.82 प्रतिशत है। आगामी कुछ ही दिनों में झील की पूरी जल कुम्भी को बाहर निकाल दिया जाएगा।