अजमेर। श्रीमान आयुक्त,खाद्य सुरक्षा एवम् औषधि नियंत्रण,राजस्थान एवम् जिला कलेक्टर,अजमेर के निर्देशानुसार नमकीन,कुरकुरे मैन्युफैक्चरर/ होटल-रेस्टोरेंट/कैफे/भोजनालय/मिठाई- कचोरी-समोसे विक्रेताओं के लिए *खाद्य तेलों के सुरक्षित उपयोग(RUCO)एवम् खाद्य पदार्थों में फोर्टिफिकेशन* विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन पटेल मैदान के पास स्थित होटल विवान पिनेकल में शनिवार को दोपहर 3 से 5 बजे तक किया गया। कार्यशाला में लगभग 90 खाद्य व्यापारियों ने भाग लिया।सी एम एच ओ डॉक्टर ज्योत्सना रंगा ने अपने संबोधन में बताया कि नमकीन,चिप्स,कचोरी,पकोड़ी, समोसे आदि तैयार करने में खाद्य तेल को बार बार गर्म किया जाता है जिस से उसकी गुणवत्ता तो कम होती ही है साथ ही ट्रांस फैट की मात्रा भी बहुत अधिक हो जाती है जो ह्रदय रोगों का एक बहुत बड़ा कारण है। उन्होंने व्यापारियों को अपने उत्पादों में फोर्टीफाइड खाद्य पदार्थों का उपयोग करने एवम् मोटे अनाज से व्यंजन तैयार करने हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत फूड सेफ्टी के साथ मतदान को प्रेरित करने के उद्देश्य से पोस्टर एवम् स्टीकर का विमोचन किया गया। मौके पर दस हजार स्टीकर एवम् पोस्टर व्यापारियों को नमकीन एवम् मिठाई के डिब्बों पर लगाने हेतु वितरित किए गए। कार्यशाला में खाद्य कारोबारियों को एफ एस एस ए आई की गाइडलाइन के अनुरूप खाद्य तेलों के उपयोग की जानकारी दी गई जिस से उनकी गुणवत्ता भी बनी रहे और सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान भी नहीं हो। लघु उद्योग भारती संस्था के अजमेर इकाई के अध्यक्ष कुणाल जैन ने अपने संबोधन में बताया कि किस प्रकार छोटी छोटी टिप्स को प्रयोग में लेकर खाद्य तेलों का नमकीन आदि तैयार करने में उत्तम उपयोग किया जा सकता है। यूज्ड तेल को बायोडीजल तैयार करने वाली एजेंसियों को बेचकर न केवल भुगतान प्राप्त किया जा सकता है बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखा जा सकता है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी और अजय मोयल ने भी संबोधित किया और खाद्य तेलों के भिन्न भिन्न नमूनों की टी पी सी मीटर से जांच का डिमॉन्सट्रेशन भी करके बताया।