अजमेर। सर्द हवाओं के झोंकों और कोहरे के बीच करीबन शून्य डिग्री तापमान में जहां मौसम की मार किसी का भी जोश ठंडा कर दे, ऐसे माहौल में किसान पुत्र सब कुछ भूलकर ठंडे पानी में खड़े रहकर फसलों की सिंचाई में जुटे हैं। इनके इस तप की बदौलत ही हम समय पर खाने के लिए फसलें हासिल करते हैं। इनका हौसला मौसम पर भारी पड़ता है। सर्दी बढ़ने से फल और सब्जियों की फसल को नुकसान हो सकता है। टमाटर, बैंगन, आलू, पत्तागोभी, मटर और प्याज जैसी फसलों को नुकसान हो सकता है। इन फसलों को पाले से बचाने के लिए किसानों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। दूसरी ओर, सर्दी का मौसम धान की फसलों के बीज के अंकुरण में देरी कर सकता है। इससे धान की फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा सर्दी से पशुओं के बीमार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। किसानों को पशुओं को ठंड से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। प्रदेश में आने वाले तीन दिन में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। ऐसा होने पर सर्दी का अहसास बढ़ सकता है। राज्य के अधिकांश भागों में सोमवार को मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि कोटा व भरतपुर संभाग के कुछ भागों में आंशिक बादल छाए रहने और केवल बूंदाबांदी होने की संभावना है। इसके बाद आने वाले 4-5 दिन तक मौसम शुष्क रही रहने की आशंका है।