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अजमेर, 28 फरवरी। अपना घर आश्रम की विचारधारा के अनुरूप कोई भी आश्रयहीन असहाय बीमार सेवा एवं संसाधनों के अभाव में दम न तोडे के क्रम में संस्था द्वारा राजस्थान प्रदेश को आश्रयहीन असहाय बीमार रहित बनाने के लिए आश्रयहीन असहाय लावारिस प्रभुस्वरूप पीडित मुक्त राजस्थान अभियान का शुभारम्भ 29 फरवरी को राजस्थान के समस्त 7 सम्भागों जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, कोटा, उदयपुर एवं भरतपुर में एक साथ किया जा रहा है। जो कि 5 मार्च तक जार रहेगा। इस अभियान का शुभारम्भ गृहराज्य मंत्री राजस्थान सरकार श्री जवाहर सिंह बेढम द्वारा अभियान की एम्बुलेंसों को हरी झण्डी दिखा कर किया गया। यह अभियान अपना घ्ज्ञर आश्रम भरतपुर तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में संचालित किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधाना में संचालित किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री कुलदीप रांक ने भी संस्था के इस अभियान को गम्भीरता से लिया है तथा अभियान में सहयोग के लिएसमस्त जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, सहायक उपनिदेशक एवं सामाजिक न्याय अधिकारियों को पत्र जारी किए गए है। साथ ही श्री दिलबाग सिंह, अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय को विभाग की ओर से राज्य का नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।

 

इस अभियान के अन्तर्गत 18 वर्ष से अधिक उम्र के असहाय, लावारिस, बीमार प्रभुजनो ं को रेस्क्यू किया जा सकेगा। जिन प्रभुजनों को रेस्क्यू किया जाएगा। उनकी सूचना सम्बन्धित थाने ें सूचना इन्द्राज कराने के उपरान्त रेस्क्यू किया जा सकेगा। इसमें सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ऎसे प्रभुजनों को चिन्हित करेंगे। साथ ही संसथा द्वारा हेल्पलाइन नम्बर 8764396814, 9950737673 जार किया गया है। इस हैल्पलाइन नम्बर पर आम नागरिक भी सूचना दे सकेंगे। सूचना मिलते ही ऎसे प्रभुजनों को अपना घर की टीम द्वारा रेस्क्यू कर लाया जाएगा।

 

आश्रम मेें लाकर सभी आवश्कता जैसे आवास, चिकित्सा, भोजन के साथ जीवन यापन की सभी आवश्यकताएं उपलब्ध कराई जाएगी। अधिक कॉल आने की स्थिति में एम्बूलेन्स की आवश्यकता होने पर 100 एम्बूलेन्स तक किराए पर ली जा सकेगी। जिसके किराए का भुगतान संस्था द्वारा किया जाएगा। रेस्क्यू अभियान के लिए पूरे प्रदेश को सुविधा की दृष्टि से 7 भागों में बाटा गया है। जिनमें प्रत्येक क्षेत्र के लिए संस्था की 4 एम्बूलेन्स लगातार 6 दिन तक रहेगी। जिन क्षेत्रों में एम्बूलेन्स या किसी भी अन्य प्रकार की आवश्यकता होगी। उससे सम्बन्धित समस्त व्यवस्थाओं के लिए सम्भाग प्रभारी तथा जिला प्रभारी नियुक्त किए गए है।

 

इस अभियान में सातों सम्भागों में 28 एम्बूलेन्स के साथ 122 का स्टाफ जिसमें केयर टेकर, मेडिकल कर्मी, चालक, महिला केयर टेकर आदि शामिल है। 7 सम्भाग प्रभारियों के साथ भागीदारी करेंगे। इस अभियान के लिए संस्था द्वारा 1000 आवासीय क्षमता का भवन भरतपुर मुख्यालय पर तैयार किया है। इसमें बैड, गददा, तकिया, चादर, बिजली-पानी, मनोरंजन, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाएवं उपलब्ध हैं। साथ ही इनकी जरूरतों के हिसाब से स्टाफ रखा गया है। 1000 से अधिक प्रभुजन आने पर राज्य के 22 आश्रमों पर 10 बैड से लेकर 100 बैड तक ऎसे प्रभुजनों के लिए आरक्षित किए गए है। इसका उद्देश्य है कि कोई भ्ीा आश्रयहीन बीमार राजस्थान में सड़कों पर दम तोडने को मजबूर न हो।

 

उल्लेखनीय है कि संसथा द्वारा राजस्थान राज्य में 22 अपना घर आश्रमों का संचालन किया जा रहा है। रेस्क्यू होने वाले इन प्रभुजनों को नजदीकी आश्रमों में भेजा जाएगा। वहां स्थान कम होने या गम्भीर बीमार होने की स्थिति में प्रभुजनों को भरतपुर आश्रम भेजा जाएगा। इस अभियान में महिला प्रभुजनों को रेस्क्यू करने के लिए महिला सेवासाथियों को रेस्क्यू टीम में नियुक्त किया गया है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है।

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