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अजमेर 13 जनवरी। महान् सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 812वें उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश किए गए। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री श्रीमती स्मृति जुबीन ईरानी के कुशल नेतृत्व में 11 जनवरी को प्रधानमंत्री आवास पर मुस्लिम प्रतिनिधि मंडल को यह चादर सौंपी गई थी। इसे शनिवार दोपहर को प्रतिनिधि मंडल दरगाह शरीफ लेकर पहुंचा। यह प्रधानमंत्री श्री मोदी की दसवीं चादर है। धान मंडी से ख्वाजा साहब के नारों और मन्कबतों के बीच कव्वाली के साथ चादर के जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंदो ने हिस्सा लिया। चादर फूलों की छतरी तले चली। प्रतिनिधि मंडल का दरगाह शरीफ के निजाम गेट पर दरगाह कमेटी दरगाह ख्वाजा साहब अजमेर के नाजिम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री लियाकत अली अफाकी द्वारा गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया। इसके बाद दल एतेहासिक बुलन्द दरवाज़े से होता हुआ जन्नती दरवाजे से आस्ताना शरीफ पहुंचा। जहां पर प्रधानमंत्री की तरफ से भेजी गई चादर को श्री जमाल चिश्ती ने मजार शरीफ पर खादीम श्री सैयद अफशान चिश्ती के माध्यम से पेश किया गया। चादर पेश करने के बाद अहाता-ए-नूर में मुल्क में अमन चैन और खुशहाली के साथ देश के विकास, समृद्धि, भाईचारे, इन्सानियत एवं उन्नति की दुआ की गई। कव्वाली, राजस्थान कलाम कृपा करो महाराज पेश किया गया।

 

बुलन्द दरवाज़े पर प्रधानमंत्री का संदेश श्री सलमान चिश्ती द्वारा पढ़ा गया। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में विश्वभर में ख्वाजा साहब के अनुयायियो ंको उर्स की बधाई दी। इसके साथ ही कहा कि साधु संतो ने अपने जीवन में सीधी राह चलने का जो पैगाम दिया इसे ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने ओर समृद्ध किया। प्रधानमंत्री का मानना है कि ख्वाजा साहब का उर्स भारतीय संस्कृति की विविधता और मान्यता के उत्सव के रूप में मनाना समाज में आपसी जुड़ाव को और मज़बूत करता है। आज देश गौरवशाली विरासत के साथ एक भव्य और विकसित भारत की ओर अग्रसर है।

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