अजमेर। मजबूर हालत में जीवन व्यतीत कर रहे खानाबदोश पिता की सिसकती हुई। नम आंखों को देख किसी का दिल नहीं पसीजा। गांधी भवन के सामने एलिवेटेड रोड के पिलर के पास एक खानाबदोश पिता बीमार बेटी की अचानक हुई। मौत से पिता के पांव तले जमीन खिसक गई। करीब 3 घंटे तक बेटी के शव को लेकर सिसकता रहा। बेटी को ना ही अस्पताल ले जाने के पैसे थे। और न ही नहीं शमशान ले जाने के पैसे थे। दो थानों की पुलिस सीमांकन को लेकर उलझती रही आखिर एक अजनबी ने मजबूर पिता की मजबूरी समझते हुए। अंतिम संस्कार में मदद की और बेटी के शव को श्मशान ले गया और उसका अंतिम संस्कार करवाया।