अजमेर। अजमेर के ‘रामसेतु’ एलिवेटेड ब्रिज में बारिश के कारण सड़क धंसने, गड्ढे बनने और तकनीकी खामियों के बाद यातायात बंद कर दिया गया था, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इसे बंद रखने का आदेश दिया। इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है और यूडीएच मंत्री ने निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री के इस्तेमाल पर चिंता जताई है। ब्रिज के निर्माण की जांच की मांग को लेकर कोर्ट में जनहित याचिकाएं भी दायर की गई हैं।
घटना का विवरण
बारिश से धंसा ब्रिज: 2025 में एक भारी बारिश के बाद स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बने 252 करोड़ रुपये के एलिवेटेड ब्रिज में सड़क धंस गई और गड्ढे बन गए।
यातायात बंद: इस घटना के बाद ब्रिज पर यातायात बंद कर दिया गया और प्रशासन व निर्माण एजेंसियों पर सवाल खड़े हुए।
कोर्ट का आदेश: बाद में, ब्रिज की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने इसे पूरी तरह से बंद रखने का आदेश दिया, जिसके बाद से ब्रिज पर यातायात पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाया है।
कोर्ट में मामला
जनहित याचिकाएं: निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और लापरवाही के आरोप में कोर्ट में जनहित याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
न्यायालयी प्रक्रिया: न्यायालय ने ब्रिज में तकनीकी खामियों को स्वीकार करते हुए नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।