Sat. Aug 2nd, 2025
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              अजमेर, 2 अगस्त। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त के अंतर्गत 20 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि 9 करोड़ 70 लाख से अधिक किसानों के खातों में सीधे स्थानांतरित किए जाने के उपलक्ष्य में देशभर में प्रधानमंत्री-किसान उत्सव दिवस का आयोजन किया गया। 

              मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से वर्चुअल रूप से संबोधित किया। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी पटना से कार्यक्रम से लाइव जुड़े।

              जिला स्तरीय किसान समारोह का आयोजन राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र और एवं कृषि विज्ञान केंद्र अजमेर के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र पर आयोजित किया गया।

              कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि रीढ़ की हड्डी है और किसान इसकी आत्मा। उन्होंने जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। श्री चौधरी ने कहा कि अब हर वर्ष रबी और खरीफ सीजन से पूर्व विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जाएगा। साथ ही बदलते जलवायु परिवर्तन पर सामूहिक चिंतन की जरूरत बताई। 

              उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कृषि भारत की सबसे बड़ा उद्योग होगा और खेती करना गर्व की बात होगी। खेती किसानी गर्व का कार्य होना चाहिए। उन्होंने भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाओ और वोकल फॉर लोकल के आह्वान को जीवन में उपयोग करने पर जोर दिया।

              देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश भडाणा ने किसानों को उन्नत विधाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए किसान सम्मान निधि को किसानों के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्र प्रथम के भाव से समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत है। स्वदेशी को अपनाकर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सब आगे आए। किसान सम्मान निधि काश्तकार के लिए बहुत सहयोगी सिद्ध हो रही है।

              राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विनय भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र ने अब तक 23 से अधिक उच्च-उपज एवं रोग-प्रतिरोधी बीजीय मसाला किस्में विकसित की हैं। साथ ही संस्थान द्वारा ट्रांसप्लांटिंग, ड्रिप सिंचाई, जैविक कीट प्रबंधन, जीरा का जीनोम अनुक्रमण, अल्टरनेरिया ब्लाइट रोग पूर्वानुमान मॉडल, और डीएनए फिंगरप्रिंटिंग जैसे अभिनव वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. डी.एस. भाटी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विभिन्न कृषि प्रदर्शनियों का अवलोकन करवाया। प्रसार वैज्ञानिक श्री रमाकांत शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में 500 से अधिक किसान, छात्र, विभिन्न कृषक उत्पादक संगठन, एससीएसपी लाभार्थी एवं महिला किसान उपस्थित रहे। चार कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा उत्कृष्ट उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई और प्रदर्शनकर्ता किसानों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों एवं प्रशिक्षणार्थियों को प्रोत्साहन के लिए प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। 

              कार्यक्रम के दौरान आईसीएआर, एनआरसीएसएस, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र, राज्य नर्सरी, कृषि अनुसंधान उपकेंद्र और राज्य बीज एवं कृषि अनुसंधान निगम के प्रतिनिधियों द्वारा जलभराव और गंदे नाले के पानी से फसलों को हो रहे नुकसान की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया। बीसलपुर परियोजना से शुद्ध पेयजल आपूर्ति की मांग भी की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों को देखते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री चौधरी ने 500 से अधिक लोगों की क्षमता वाले ऑडिटोरियम के निर्माण की माँग को कृषि विज्ञान केंद्र अजमेर के लिए स्वीकृति प्रदान की एवं शीघ्र निर्माण की घोषणा की।

              अटारी निदेशक डॉ. जे. पी. मिश्रा ने सभी अतिथियों, वैज्ञानिकों, अधिकारियों और किसानों का आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि वैज्ञानिक नवाचार, अनुसंधान एवं किसान कल्याण के लिए निरंतर समर्पित रहेंगे। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री संजय तनेजा ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। कृषि विभाग के अनुसार जिले के लगभग 2 लाख 18 हजार किसानों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किश्त जमा की गई।

              इस अवसर पर उपमहापौर श्री नीरज जैन, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती वंदना खोरवाल, सीएमडी कॉपरेटिव श्री हरीश, श्री रूपचंद मारोठिया, श्री लक्ष्मण गुर्जर, डॉ. रविन्द्र सिंह, डॉ. श्याम सुंदर मीणा, डॉ. युगल किशोर शर्मा, डॉ. शारदा चौधरी, डॉ. दिनेश अरोड़ा, डॉ. रमाकांत शर्मा, डॉ. चेतन कुमार, डॉ. नरोत्तम मीणा सहित बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित रहे।

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