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                 अजमेर, एक अगस्त। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 69वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को समारोहपूर्वक आयोजन किया गया। बोर्ड परिसर में प्रशासक श्री शक्ति सिंह राठौड़ एवं सचिव श्री कैलाश चंद्र शर्मा की उपस्थिति में मां सरस्वती की प्रतिमा का पूजन किया गया। इसके पश्चात अधिकारियों द्वारा बोर्ड परिसर एवं बोर्ड की नवीन भूमि पर पौधारोपण कर हरित वातावरण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया।

                 कार्यक्रम में बोर्ड प्रशासक श्री राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा एक अगस्त 1957 को माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1957 के अंतर्गत बोर्ड की स्थापना की गई थी। प्रारंभ में बोर्ड कार्यालय जयपुर के गांधी नगर स्थित कालाजी की बिल्डिंग में खोला गया था। श्री जी.सी. चटर्जी पहले अध्यक्ष तथा श्री आर.के. अग्रवाल पहले सचिव नियुक्त हुए थे। वर्ष 1958 में बोर्ड द्वारा प्रथम बार हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं का आयोजन किया गया।

                 उन्होंने कहा कि वर्ष 1961 से लेकर 1972 तक बोर्ड कार्यालय अजमेर स्थित बम्बेवाली कोठी और नजरबाग भवनों में संचालित हुआ। तत्पश्चात तत्कालीन अध्यक्ष श्री के.एल. बोर्दिया के प्रयासों से 1973 में वर्तमान जयपुर रोड स्थित बहुमंजिला भवन में बोर्ड कार्यालय को स्थानांतरित किया गया। प्रारंभिक वर्षों में परीक्षार्थियों की संख्या लगभग 29 हजार थी तथा 250 विद्यालय बोर्ड से संबद्ध थे।

                 उन्होंने कहा कि बोर्ड ने समय के साथ अपने स्वरूप और कार्यप्रणाली में अनेक परिवर्तन किए है । वर्ष 1962 में इंटरमीडिएट परीक्षा समाप्त की गई और 1964 से संस्कृत की प्रवेशिका और उपाध्याय परीक्षाओं का आयोजन प्रारंभ हुआ। इसके साथ ही 1965 से दसवीं कक्षा की परीक्षा को स्कूल स्तर से हटाकर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा के रूप में आयोजित किया जाने लगा। 1968 में पत्राचार पाठ्यक्रम की भी शुरुआत की गई।

                 उन्होंने कहा कि बोर्ड की संरचना और मानव संसाधन में समयानुकूल बदलाव आते रहे। वर्ष 1997 में बोर्ड में लगभग 800 से 850 कर्मचारी कार्यरत थे जबकि उस समय परीक्षार्थियों की संख्या लगभग 6 लाख 98 हजार थी। वर्तमान में बोर्ड में 272 कर्मचारी कार्यरत हैं और वर्ष 2025 में लगभग 20 लाख विद्यार्थी बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित हुए हैं। इनमें सेकेंडरी परीक्षा में 10 लाख 94 हजार 223, सीनियर सेकेंडरी में 8 लाख 89 हजार 690, प्रवेशिका परीक्षा में 7 हजार 316 तथा वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा में 3 हजार 907 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए।

                 बोर्ड प्रशासक श्री राठौड़ ने कार्मिकों से चर्चा करते हुए भविष्य में आंतरिक व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में योजनाबद्ध प्रयास किए जाने को कहा। इस क्रम में कैडर स्ट्रेंथनिंग, रिक्त पदों पर नियुक्ति करने, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करने, संरचनात्मक पुनर्गठन तथा नई भर्तियों के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रेषित करने जैसे विषयों पर स्थापना दिवस के अवसर पर बोर्ड कर्मचारियों द्वारा प्रशासक से चर्चा की गई। इसमें प्रशासक ने संबंधित विषयों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

                 बोर्ड सचिव श्री कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि बोर्ड की भूमिका केवल परीक्षा आयोजन तक सीमित नहीं रही है। पूर्व में पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन एवं ओपन बोर्ड के संचालन का कार्य भी बोर्ड द्वारा किया जाता था। ये वर्तमान में राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडलऔर राजस्थान स्टेट ओपन बोर्ड को सौंप दिया गया है।

                 उन्होंने कहा कि तकनीकी उन्नयन की दिशा में भी बोर्ड ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। अब प्रमाण पत्रों की प्रतिलिपि, अंकतालिका व प्रवजन प्रमाण पत्र की सुविधा ऑनलाइन प्रदान की जा रही है। इससे दूर-दराज के विद्यार्थियों को भी ये सेवाएं सहज रूप से प्राप्त हो रही हैं। परीक्षा ड्यूटी से जुड़े समस्त भुगतान अब ऑनलाइन माध्यम से किए जाते हैं। ये पूर्व में मैन्युअल रूप से संपन्न होते थे।

                 उन्होंने कहा कि बोर्ड ने छात्र हितों को प्राथमिकता देते हुए राज्य के 31 जिलों में विद्यार्थी सेवा केंद्र स्थापित किए हैं। वहां छात्र वर्ष 2001 से 2025 तक के प्रमाणपत्र, अंकतालिकाएं व प्रवजन प्रमाण पत्र की प्रतियां प्राप्त कर सकते हैं।

                 उन्होंने कहा कि 69 वर्षों की इस गौरवशाली यात्रा में बोर्ड ने शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा दी है और आने वाले वर्षों में भी अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण समर्पण के साथ करता रहेगा।

                 स्थापना दिवस के अवसर पर बोर्ड कार्यालय परिसर को भव्य रूप से सजाया गया। मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर प्रथम तल तक आकर्षक साज सज्जा की गई। बोर्ड के कर्मचारियों ने रंग बिरंगी रंगोली बनाकर उत्सव का माहौल और भी मनमोहक बना दिया ।

                 इस अवसर पर विशेषाधिकारी श्रीमती नीतू यादव, वित्तीय सलाहकार श्रीमती रश्मि बिस्सा, मुख्य परीक्षा नियंत्रक श्री राजेश निर्वाण, निदेशक प्रशासन श्री राजेंद्र पारीक, निदेशक गोपनीय श्रीमती गीता पलासिया, बोर्ड कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष श्री मोहन सिंह रावत, महामंत्री श्री करण सिंह यादव सहित समस्त बोर्ड स्टाफ की उपस्थिति रही। सहायक निदेशक सुशीला गोकलानी, सहायक निदेशक श्री अजय बंसल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के महामंत्री श्री कुंदन सिंह, श्री उम्मेद गहलोत, श्री पीयूष पारीक, श्री योगेश शर्मा, सहायक अभियंता श्री आदित्य शर्मा, शिखा शर्मा आदि ने पौधरोपण किया। सभी ने मिलकर बोर्ड की गौरवशाली यात्रा और उपलब्धियों को स्मरण किया।

 

 

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