अजमेर। मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद एनआईए की स्पेशल अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर अपराध साबित करने में कामयाब नहीं रहा। यह भी साबित नहीं हो पाया कि जिस मोटरसाइकिल पर बम रखने की बात कही जा रही थी वह प्रज्ञा ठाकुर की थी। इतना ही नहीं, सबूतों से ये भी सिद्ध नहीं हो पाया कि गाड़ी पर ही बम रखा गया था। गाड़ी के चेचिस नंबर से छेड़छाड़ की गई थी। कोर्ट ने ये निष्कर्ष निकाला है। कि बम गाड़ी से बाहर भी कहीं रखा गया हो सकता है।