अजमेर। *नई दिल्ली:* भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 12 दिन पूरे कर लिए। इस दौरान उन्होंने न केवल विज्ञान की प्रयोगशाला, बल्कि ‘अंतरिक्ष में खेती’ का मैदान भी तैयार किया। शुक्ला ने मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण (Sprouting) कर उनके शुरुआती विकास पर बारीकी से अध्ययन किया। उनका यह प्रयोग भारतीय वैज्ञानिकों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
*अंतरिक्ष में उगाए स्प्राउट्स:* विज्ञान और कृषि का संगम
शुभांशु शुक्ला का यह प्रयोग भारतीय वैज्ञानिकों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। ‘स्प्राउट्स प्रोजेक्ट’ को भारत में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय धारवाड़ के डॉ. रविकुमार होसामणि और आईआईटी धारवाड़ के डॉ. सुधीर सिद्धपुरेड्डी लीड कर रहे हैं। शुभांशु शुक्ला ने स्प्राउट्स प्रोजेक्ट के तहत बताया कि ISS में ले जाए गए बीजों को नमी और नियंत्रित वातावरण में रखा और उनके अंकुरण की प्रक्रिया को बारीकी से मॉनिटर किया। एक्सिओम स्पेस के मुताबिक, पृथ्वी पर लौटने के बाद