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       अजमेर, 20 जून। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा ने शुक्रवार को आनासागर झील का निरीक्षण कर वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत झील में त्रिदिवसीय श्रमदान में किए गए सफाई कार्य देखे एवं अभियान में किए गए अन्य स्वच्छता कार्यों की प्रगति की जानकारी ली।

       मंत्री श्री खर्रा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा परंपरागत जल स्रोतों के पुनरुद्धार एवं संरक्षण के उद्देश्य से प्रदेशभर में वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में आनासागर झील पर हाल ही में हुए श्रमदान एवं सफाई कार्यों का निरीक्षण किया गया।

       उन्होंने कहा कि झील में सिल्ट की मात्रा अधिक होने की जानकारी मिली है। इसकी डिसिल्टिंग आवश्यक है। इसके लिए बड़ी मशीनरी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इससे गाद की सफाई प्रभावी ढंग से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि झील में कुछ नाले बिना उपचारित जल के साथ सीधे प्रवेश कर रहे हैं। वे जल की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। इस विषय में नगर निगम के अधिकारियों से चर्चा कर निर्देश दिए गए कि इन नालों के जल को ट्रीटमेंट के बाद ही झील में प्रवाहित किया जाए। इसके लिए उपयुक्त तंत्र की स्थापना की जाएगी।

       मंत्री श्री खर्रा ने कहा कि अतीत में झील पर जलकुंभी का भारी प्रकोप रहा है। सबके संयुक्त प्रयासों से झील को जलकुंभी मुक्त किया गया है। अब लक्ष्य झील को पूरी तरह स्वच्छ, सुंदर एवं संरक्षित बनाना है। उन्होंने कहा कि अजमेर की जलापूर्ति में योगदान देने वाले सभी पारंपरिक जल स्रोतों को उनके मूल स्वरूप में लाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है और इस दिशा में योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को झील की नियमित निगरानी, साफ सफाई और जनसहभागिता से संरक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

       इस अवसर पर महापौर श्रीमती ब्रजलाता हाडा, उप महापौर श्री नीरज जैन, अध्यक्ष श्री रमेश सोनी, नगर निगम आयुक्त श्री देशल दान, उपायुक्त श्रीमती अनिता चौधरी, श्री रचित कच्छावा सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

 

 

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