अजमेर, 17 जून। वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंत एवं पर्यावरण संरक्षण के कार्यों तथा विभिन्न गतिविधियों की जानकारी साझा करने एवं जन जागरूकता बढ़ाने के लिए मंगलवार को जिला परिषद में मीडिया राउंड टेबल का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक खन्ना द्वारा जल संरक्षण एवं जल संचय के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न विभागों द्वारा अब तक की गई गतिविधियों, नवाचारों एवं आगामी योजनाओं की विस्तृत जानकारी मीडिया प्रतिनिधियों के साथ साझा की गई। राउंड टेबल के दौरान अभियान की प्रगति को जनसामान्य तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका को रेखांकित किया गया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री खन्ना ने बताया कि वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत जिले में व्यापक स्तर पर पारंपरिक जल स्रोतों जैसे टांके, बावड़ियां, जोहड़, कुएं एवं तालाबों की साफ सफाई, मरम्मत और जीर्णाेद्धार का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों, नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं के सहयोग से विभिन्न जल संरचनाओं को चिह्नित कर उन्हें पुनः उपयोग लायक बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मानसून पूर्व इन जल स्त्रोतों की सफाई एवं मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। इससे वर्षा जल का समुचित संग्रहण हो सकेगा और जल स्तर में सुधार होगा। इसी क्रम में निगम क्षेत्र में 14 बावड़ियों की सफाई तथा आनासागर सहित कुल 28 जल स्त्रोतों की सफाई एवं पौधारोपण किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रत्येक ब्लॉक में पुरानी बावड़ियों को चिह्नित कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
श्री खन्ना ने बताया कि जल संरक्षण को जनआंदोलन का रूप देने के लिए त्रिदिवसीय श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों एवं आमजन ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा निकाली गई कलश यात्रा एवं प्रभात फेरियों ने जनजागरूकता को नई दिशा दी। इसी प्रकार नरेगा योजना के माध्यम से जल संरक्षण से संबंधित कार्यों को गति प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अजमेर जिले के 9 ब्लॉक अतिदोहन की स्थिति में हैं। यहां ग्राउंड वाटर रिचार्ज अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए जीआईएस आधारित योजना बनाकर टांके, एनिकट जैसे जल संचयन स्त्रोत विकसित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के अंतर्गत खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में के उद्देश्य पर कार्य करते हुए हजारों कार्यों की पहचान कर उन्हें राज्य सरकार को प्रस्तावित किया गया है।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि वंदे गंगा अभियान के अंतर्गत प्लांटेशन को विशेष महत्व दिया जा रहा है। जिले में 27 चरागाहों का विकास किया गया है। इन्हें पांच वर्षों के पश्चात संबंधित पंचायतों को सौंपा जाएगा। इससे उनकी आय के स्रोत भी सशक्त होंगे। हरियालो राजस्थान अभियान के अंतर्गत वन विभाग सहित विभिन्न विभागों द्वारा वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की योजना तैयार की गई है। प्रत्येक पंचायत में पौधारोपण के लिए स्थल चिह्नित कर गड्ढे खोदने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। वृक्षों के संरक्षण के लिए फेंसिंग और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। हरियालो राजस्थान मोबाइल ऐप पर पौधों की जियो टैगिंग भी की जाएंगी। नरेगा योजना के तहत लगभग 6 लाख पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग की नर्सरियों में लगभग 22 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। इन्हें विभागीय अधिकारियों, विद्यार्थियों एवं आमजन को वितरित किया जाएगा।
श्री खन्ना ने मीडिया से आह्वान किया कि वे इस जन आंदोलन का भाग बनकर जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जनसामान्य को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा अभियान की सकारात्मक गतिविधियों को आमजन तक पहुंचाने से जनभागीदारी को नई ऊर्जा मिलेगी और यह अभियान वास्तविक अर्थों में सफल हो सकेगा।
इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक श्री भानू प्रताप सिंह गुर्जर, जल संसाधन विभाग के तकनीकी सलाहकार श्री शलभ टंडन सहित अधिकारी एवं मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।