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           अजमेर 7 जून। वंदे गंगा जल संरक्षण महाअभियान के अन्तर्गत जल स्वावलंबन पखवाड़े में शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा मीडिया को विभिन्न जल संरक्षण स्थलों का भ्रमण कराया गया। इस भ्रमण से आमजन तक जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल स्रोतों के पुर्नजीवन और वृक्षारोपण कार्यों के प्रति जन जागरूकता का संदेश पहुंचाया जाएगा। मीडिया को सराधना, लामाना एवं गोला ग्रामों में जल संरक्षण एवं चरागाह विकास कार्यों का प्रत्यक्ष अवलोकन कराया गया।

   इस अवसर पर जल संग्रहण एवं भूजल विकास विभाग के तकनीकी सलाहकार श्री शलभ टंडन ने बताया कि मीडियाकर्मियों को ग्राम पंचायत सराधना में शमशान भूमि पर जनसहयोग से हरित परिवर्तन की जानकारी दी गई। स्थानीय समुदाय के सहयोग से क्षेत्र को हरा भरा बनाया गया है। श्री टंडन ने मीडिया के माध्यम से आमजन से जल संरक्षण, वृक्षारोपण एवं पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया। 

 स्थानीय सरपंच श्री हरीकिशन जाट ने बताया कि मुक्तिधाम विकास कार्यो के अन्तर्गत मनरेगा, 15वें वित्त आयोग से, कन्वर्जन्स एवं भामाशाहों द्वारा जन सहयोग और जन भागीदारी से निर्माण कार्य करवाए गए। मुक्तिधाम की चारदीवारी, प्याऊ, प्रवेश द्वार, ओपन जिम, महामृत्युंजय महादेव की दो प्रतिमाएं, जीएलआर का निर्माण भामाशाहों के सहयोग से हुआ । पहाड़ी के बहते पानी को डाईवर्जन चैनल के माध्यम से अमृत सरोवर में डाला जा रहा है। यहां एक हजार से अधिक शीशम, बरगद, पीपल, नीम सहित वानिकी प्रजातियों के पौधे लगाए गए है। अग्रिम मृदा कार्य 400 पौधों के लिए किया गया है। पौधों को पानी पिलाने के लिए जीएलआर से पाइप लाईन जगह-जगह डाली गई है। पक्षियों के लिए जल एवं चुगा पात्र की भी व्यवस्था है। 

    ग्राम पंचायत गोला में 2022-23 से शुरू हुए चरागाह विकास कार्यों का अवलोकन कराया गया। श्री टंडन ने बताया कि गोला ग्राम पंचायत में चारागाह विकास के लिए 5-5 हैक्टेयर के तीन स्थलों पर कार्य प्रारंभ किए गए। इनमें फलदार, वानिकी, तारबंदी, ड्रिप सिंचाई, सोलर पंप, घास बीजारोपण, वाटर टैंक, चौकीदार कक्ष, और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रति चारागाह 36.65 लाख की लागत से ये कार्य किए गए है। अमृत सरोवर निर्माण एवं चारागाह विकास से क्षेत्र में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है। सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ी है और जानवरों के लिए पेयजल की सुविधा सुनिश्चित हुई है। इससे वर्षा जल संचयन, मिट्टी कटाव में कमी और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिली है। 

 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से फलदार एवं वानिकी पौधों के पौधारोपण से गोला में चारागाह विकास कार्य का नवाचार किया गया। पौधों को ड्रिप के माध्यम से पानी पिलाने के लिए 50 हजार लीटर का एसआर टैंक बनाया गया है। इससे नीम, शीशम, गुलमोहर, करंज, आंवला, नींबू, करौंदे एवं एप्पल बेर जैसे लगभग दो हजार पौधों को पानी पिलाया जाता है। वंदे गंगा जल सरंक्षण महाअभियान के अन्तर्गत 200 पौधों के लिए अग्रिम मृदा कार्य किए गए है। आमजन को जोड़ने के लिए भू-जल संरक्षण विभाग की योजनाओं की जानकारी क्यूआर कोड से दी जाती है। यहां सीड बैंक को भी कार्यशील किया गया है। 

    इसके अतिरिक्त ग्राम लामाना में विकसित चरागाह का भ्रमण भी मीडिया को कराया गया। चरागाह में चहुंओर ऊंचे नीम के वृक्षों से क्षेत्र सघन वन सा प्रतीत होता है। चरागाह के धार्मिक आस्था से प्रेरित क्षेत्र में कुल्हाड़ी प्रयोग निषिद्ध होने से प्राकृतिक संरक्षण बना हुआ है। यहां वर्ष 2013 में 8 हेक्टेयर क्षेत्र में चरागाह का विकास प्रारंभ हुआ था। साथ ही ग्राम के तालाब का मनरेगा योजना के अंतर्गत गहरीकरण कार्य का भी अवलोकन कराया गया। 

 इस अवसर पर अतिरिक्त विकास अधिकारी श्री श्याम लाल चचावा, गोला सरपंच श्रीमती सुमन कंवर श्री हिम्मत सिंह, सहायक अभियंता श्री तेजपाल गुर्जर, पंचायत समिति सदस्य श्री बबलू गुर्जर, चौकीदार श्री ओम प्रकाश सैन, लामाना सरपंच श्रीमती कमला देवी, श्री पुखराज, श्री बाबू सिंह एवं श्री मांगू सिंह सहित स्थानीय ग्रामवासियों ने मीडिया कर्मियों से चारागाह विकास के संबंध में चर्चा की।

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