जयपुर, 04 जून। प्रदेश में जल संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन की दिशा में आगामी 15 दिन अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर 5 जून से वंदे गंगाः जल संरक्षण-जन अभियान का शुभारंभ होगा। इसमें जल संसाधन विभाग की ओर से 345 करोड़ रुपए से अधिक लागत की विविध परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया जाएगा।
यह अभियान प्रदेशवासियों के लिए अनेक सौगातें लेकर आया है। इन परियोजनाओं से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, सिंचाई क्षमता का विस्तार और बाढ़ नियंत्रण व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा। इसके तहत जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, जलाशयों का पुनरूद्धार, बांध, एनीकट, नहरों की मरम्मत, वर्षा जल संचयन संरचनाओं और पर्यावरण संवर्धन से जुड़े कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास होगा। विभाग का यह प्रयास, जल प्रबंधन ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
– 299 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण
इनमें धौलपुर में रिहैबिलिटेशन ऑफ उर्मिला सागर मीडियम इरीगेशन प्रोजेक्ट, पार्वती बांध की सैपऊ ब्रांच का आरडी 2100 मीटर से 4300 मीटर तक व पार्वती मुख्य नहर एवं माकरा ब्रांच का जीर्णोद्धार कार्य, बसेड़ी तहसील में पार्वती नदी पर संजापुरी आश्रम के पास नवीन एनीकट निर्माण कार्य, बाड़ी तहसील में रिपेयर, रिनोवेशन एवं रेस्टोरेशन ऑफ उमरेह बांध एंड कैनाल, बामनी नदी पर आश्रम के पास सरमथुरा-बाड़ी रोड पर नवीन एनीकट निर्माण कार्य, पार्वती नदी पर बैनपुरा के पास नवीन एनीकट निर्माण कार्यों का लोकार्पण होगा।
साथ ही, अजमेर के रूपनगढ़ में स्थानीय नाले पर रूपनगढ़ से भादुण सड़क पर वैली रिम ब्रिज का निर्माण व साइड ड्रेन का निर्माण कार्य, दौसा में बड़ा गांव और समेल गांव के पास मोरेल नदी पर एनीकट निर्माण कार्य, श्रीगंगानगर में सूरतगढ़ ब्रांच आरडी 115.500 से 195 तक का जीर्णोद्धार कार्य, बांसवाड़ा की गढ़ी विधानसभा में परसोलिया वितरिका का जीर्णोद्धार कार्य, डूंगरपुर में बेणेश्वर धाम एनीकट कार्य, पाली में जवाई मुख्य नहर से निकलने वाली सिन्दरू बांध की फीडर के लाइनिंग कार्य और बीकानेर में लाखासर, रणधीसर, अगनेऊ, पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट कैनाल से सम्बंधित कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा।
– बाढ़ सुरक्षा, एनीकट मरम्मत और फीडर जीर्णोद्धार कार्यों का शिलान्यास
अजमेर के बांदिया और मुहामी गांव में बाढ़ सुरक्षा के लिए नालों का कार्य और क्रॉसवे निर्माण, देवाता फीडर का जीर्णोद्धार कार्य (फूल सागर बीर तालाब), दूदू के हनुमान सागर गागरडू तालाब का मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य, करौली के कलागुड़ा एनीकट मरम्मत कार्य, नरेश्वर एनीकट जीर्णोद्धार कार्य, फागी स्थित सालरसू एनीकट जीर्णोद्धार कार्य, राजसमंद के आगरिया फीडर का पुनरूद्धार कार्य, उदयपुर के गोगुन्दा में धोलियाजी फीडर का जीर्णोद्धार कार्य कराया जाएगा। इनमें 45 करोड़ रुपए से अधिक राशि व्यय की जाएगी।
– लोकार्पित कार्यों का होगा जल और भूमि पूजन
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मई 2025 को प्रदेश की विभिन्न संरचनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया था। अब अभियान के अंतर्गत ऐसे कार्यों का जल और भूमि पूजन किया जाएगा। इनमें बांसवाड़ा में गनोरा, लोहरिया, असोदा, खोदान, नारवाली, अर्थुना, कांथव माइनर वितरिकाओं के जीर्णोद्धार कार्य, जगपुरा कैनाल, हरो कैनाल क्षेत्र के लोकार्पित कार्यों का जल पूजन होगा। इन पर 149 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं।
वहीं, बीकानेर में करणी सिंह लिफ्ट कैनाल क्षेत्र में गिराजसर, गडियाला माइनर, देवरा व कोलायत वितरिका, नखत बन्ना माइनर, सब-माइनर के शिलान्यास किए जा चुके कार्यों का भूमि पूजन किया जाएगा। इनमें 292 करोड़ रुपए लागत आएगी।
अभियान में ऐसे विभिन्न कार्यों का भी भूमि व जल पूजन किया जाएगा, जिनका पूर्व में शिलान्यास किया जा चुका है। इनमें करौली में पांचना बांध का समग्र जीर्णोद्धार व आधुनिकरण कार्य, ब्यावर में रिहेबेलिटेशन ऑफ नारायण सागर मीडियम इरीगेशन सब प्रोजेक्ट अजमेर अंडर आर.डब्ल्यू.एस.एल.आई.पी स्कीम, सवाई माधोपुर में सुरवाल मीडियम इरीगेशन सब प्रोजेक्ट, प्रतापगढ़ के डूंगला में वैगन मीडियम इरीगेशन सब प्रोजेक्ट का पुनरूद्धार कार्य और बांसवाड़ा में सागडूंगरी एनीकट का मरम्मत कार्य और सोलर बेस्ड माइक्रो इरीगेशन स्कीम कार्यों का भूमि व जल पूजन होगा। इन सभी कार्यों पर 153 करोड़ रुपए से अधिक राशि की लागत आ रही है।
– होंगी सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियां
अभियान में जल स्त्रोतों, नदियों, जलधाराओं और तालाबों पर जल पूजन, कलश यात्रा, जागरुकता कार्यक्रम, स्वच्छता अभियान जैसे विविध कार्यक्रम होंगे। इनसे जल और पर्यावरण संरक्षण को परम्परा और संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। जन आंदोलन के रूप में सभी विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं, भामाशाहों और आमजन की सक्रिय भागीदारी दिखाई देगी। जल संरक्षण के लिए संकल्प कार्यक्रम होंगे और आमजन श्रमदान करेंगे।
– ‘अभियान का उददेश्य जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप देना है। इसके जरिए जल स्त्रोतों का संरक्षण, पुनरूद्धार और जल संचयन को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेशवासियों से आह्वान है कि अभियान में शामिल होकर जल संरक्षण में अपनी महती भूमिका निभाए।
‘- श्री सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री