Wed. May 28th, 2025
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           अजमेर, 26 मई। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा खरीफ-पूर्व अभियान के तहत विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम का आयोजन गुरूवार 29 मई से 12 जून के मध्य किया जाएगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के निर्देशानुसार भारत कृषि जागरण यात्रा-अनुसंधान किसान के द्वार के अंतर्गत विकसित कृषि संकल्प अभियान की तैयारियों को लेकर एक समन्वय बैठक का आयोजन राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र तबीजी में किया गया। यह बैठक राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विनय भारद्वाज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

           कृषि विज्ञान केन्द्र तबीजी के अध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि बैठक का उद्देश्य अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी सहभागी संस्थाओं के मध्य समन्वय स्थापित करना था। किसानों को खरीफ फसलों की वैज्ञानिक खेती, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन, यंत्रीकरण, मृदा परीक्षण, बीज सुधार एवं उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी गाँव-गाँव तक पहुँचाई जा सके। विकसित कृषि संकल्प अभियान का उद्देश्य क्षेत्र विशेष के लिए खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों से सम्बंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में किसानों को जागरूक करना है। किसानों के लिए उपयोगी विभिन्न सरकारी एवं विभागीय योजनाओं तथा नीतियों के बारे में किसानों को जागरूक किया जाएगा। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई गई विभिन्न फसलों के चयन तथा संतुलित उर्वरक एवं खाद इत्यादि के प्रयोग के लिए जागरूक एवं शिक्षित करेंगे। किसानों से फीडबैक लेकर उनके द्वारा किए गए नवाचार अनुसंधान की दिशा का निर्धारण किया जा सकेगा। यह अभियान किसानों को अनुसंधान आधारित नवाचारों से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर और समृद्ध कृषि व्यवस्था की दिशा में एक एतिहासिक पहल सिद्ध होगा।

           उन्होंने बताया कि अभियान के अन्तर्गत कृषि से जुड़े मुख्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। उन्नत तकनीकों, नई किस्मों और सरकारी योजनाओं के बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने का कार्य होगा। उत्पादकता वृद्धि के मूल मंत्र तथा समय पर बुवाई, प्रमाणित तथा उन्नत बीज का उपयोग, बीजोपचार, मिट्टी की जांच के आधार पर संतुलित उर्वरक प्रयोग, गर्मी में खेत की गहरी जुताई, उचित बीज दर एवं फसल की कतार में बुवाई, दलहनी एवं तिलहनी फसलों में जिप्सम का उपयोग, फव्वारा, ड्रिप, पाईप लाईन का उपयोग, फसल की क्रान्तिक अवस्थाओं पर सिंचाई का उपयोग इत्यादि के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी। 

           उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और उसका प्रचार-प्रसार करने का कार्य अभियान में होगा। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई गई विभिन्न फसलों में संतुलित तत्व के प्रयोग के लिए जागरूक एवं शिक्षित किया जाएगा। केवीकेआईसीएआर संस्थान और आईएफएफसीओ द्वारा कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी का उपयोग पर प्रदर्शन किया जाएगा। किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आईसीटी का व्यापक उपयोग होगा। धान की सीधी बुवाई, सोयाबीन की फसल में मशीनीकरण रेस्ड एण्ड फूरॉ प्रणाली, बीबीएफ आदि जैसी अन्य उन्नत फसल तकनीकों का प्रसार किया जाएगा।

           उन्होंने बताया कि अभियान के माध्यम से भारत सरकार एवं राज्य सरकार की प्रमुख कृषि योजनाओं की जानकारी सीधे किसानों तक पहुँचाई जाएगी। इस अभियान की निगरानी स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा एवं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी द्वारा की जाएगी। जिला स्तर पर भी अभियान की मॉनिटरिंग के लिए संयुक्त निदेशक कृषि विभाग में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। संबंधित ग्राम पंचायत के सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक द्वारा अभियान की निर्धारित तिथि को अभियान में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं कम से कम 200 कृषकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। केवीके की प्रत्येक टीम के साथ समन्वय के लिए विभाग के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त निदेशक कृषि, उप निदेशक उद्यान, परियोजना निदेशक आत्मा, सहायक निदेशक कृषि एवं कृषि अधिकारी उपस्थित रहेंगे। 

           उन्होंने बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए गठित दलों के नोडल अधिकारी डॉ. डी.एस. भाटी, डॉ. दिनेश कच्छावा एवं श्री आशीष झाझोरिया होंगे। इनके द्वारा प्रतिदिन एक-एक ग्राम पंचायत में वेन के माध्यम से शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा बीज विक्रय का कार्य किया जाएगा। साथ ही किसानों से जुड़ी योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की जाएगी। 

           उन्होंने बताया कि इस अभियान की औपचारिक शुरुआत किशनगढ़ क्षेत्र के रलावता गांव से 29 मई को की जाएगी। यहाँ केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी बीज रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह बीज रथ किसानों तक उन्नत बीज, तकनीकी जानकारी और कृषि योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा। जिले के 45 गांवों में चलने वाले इस अभियान में 15 तकनीकी टीमों का गठन किया गया है। यह प्रत्येक गांव में जाकर किसानों की समस्याएं सुनेंगी तथा उन्हें वैज्ञानिक समाधान उपलब्ध कराएंगी। अभियान के अंतर्गत अग्रणी व पिछड़े किसानों के बीच की तकनीकी खाई (गैप) का विश्लेषण कर समाधान की कार्य योजना भी बनाई जाएगी।

           उन्होंने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 मई को रलावता, गुदली एवं टुकड़ा तथा 30 मई को मरकेडा, मांगलियावास एवं ब्रिक्चियावास, 31 मई को पिचोलिया, भगवानपुरा एवं सूरजपुरा अथवा सवाईपुरा, एक जून को नाहरपुरा, मायापुरा एवं डंग, 2 जून को भांवता, मसीनिया एवं नदी द्वितीय, 3 जून को गेगल, जाटली एवं दाता आखरी, 4 जून को रामपुरा डाबला, फतेहपुरा एवं पीसांगन, 5 जून को बुधवाड़ा, नूरीयावास एवं केसरपुरा, 6 जून को देवनगर, बांसेली एवं तिलोरा, 7 जून को नरवर, अरड़का एवं चाचियावास, 8 जून को स्यार, बीलावटीखेड़ा एवं जगापुरा, 9 जून को गोयला, जोताया एवं शेरगढ, 10 जून को लोहरवाडा, कालेड़ा कंवरजी एवं प्रान्हेड़ा, 11 जून को धोस, बोराड़ा तथा मनोहरपुरा तथा 12 जून को कड़ैल, डंूगरियाखुर्द तथा मझैवला में कार्यक्रम आयोजित होंगे। 

           बैठक में कृषि विभाग की संयुक्त निदेशक श्रीमती अनुप्रिया यादव, कृषि अधिकारी श्री पुष्पेन्द्र सिंह, उद्यान विभाग के सहायक निदेशक श्री शिवलाल यादव, उपनिदेशक आत्मा श्री कैलाश चंद शर्मा, प्लांट मैनेजर आरएसएससीएल डॉ. नरेन्द्र पाल एवं राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. रविन्द्र सिंह एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

 

 

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