Wed. May 21st, 2025
IMG_20250521_193714

 

          अजमेर, 21 मई। जल शक्ति अभियान 2.0 के अंतर्गत बुधवार को केंद्रीय निरीक्षण दल द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में अभियान के अंतर्गत वर्षा जल संचय एवं मृदा संरक्षण के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। 

          बैठक की अध्यक्षता अभियान के केन्द्रीय नोडल अधिकारी एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के निदेशक श्री राजप्रिय सिंह ने की। उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान कैच द रेन के अन्तर्गत कैच द रेन अभियान वर्ष 2022 से देश के सभी जिलों में क्रियान्वित किया जा रहा है। आगामी वर्ष 2025 में यह अभियान वर्षा जल संचय, जन भागीदारी थीम के साथ संचालित किया जाएगा। विगत वर्ष इसका विषय नारी शक्ति से जल शक्ति था।

          उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला मुख्यालय पर जल शक्ति केंद्र की स्थापना की जाएगी। वे स्थानीय व्यक्तियों को जल संरक्षण संबंधी जानकारी देने का कार्य करेंगे। साथ ही अभियान के अंतर्गत गहन वृक्षारोपण की योजना बनाई गई है। इसमें कैंपा फंड का उपयोग किया जाएगा।

          उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जन के समन्वय से एक प्राकृतिक अभियान चलाया जा रहा है। इन कार्यों में जल निकायों का जियो टैगिंग एवं जिलेवार वैज्ञानिक जल संरक्षण योजनाएं तैयार की जा रही है। अभियान जिले में जल संसाधनों के संरक्षण, सतत उपयोग और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

          केंद्रीय भूजल बोर्ड की तकनीकी अधिकारी श्रीमती अरुणा सैनी ने बताया कि जल संरक्षण के लिए सभी विभागों के संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं। देश के 148 जिलों में केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा चार श्रेणियों में कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम द्वारा विभिन्न जल संरक्षण संरचनाओं, कार्यों और फ्लैगशिप योजनाओं का निरीक्षण किया जाएगा।

          जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक खन्ना ने अभियान की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि कार्यक्रम जीआईएस आधारित है। अभियान के अंतर्गत फार्म पॉन्ड का निर्माण, परंपरागत जल निकायों जैसे बावड़ी, टांका आदि का संरक्षण एवं वृहत स्तर पर चरागाहों का विकास किया जा रहा है। साथ ही जन जागरूकता के लिए कर्मभूमि से मातृभूमि जैसे अभियानों का संचालन भी किया जा रहा है।

          जल शक्ति अभियान के अंतर्गत किए जा रहे प्रमुख कार्यों में जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन कार्य, पारंपरिक जल स्रोतों का जीर्णाेद्धार, पुर्नउपयोग एवं पुनर्भरण संरचनाएं, वॉटरशेड विकास, एवं गहन वृक्षारोपण शामिल हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्षा पूर्व वृक्षारोपण अभियान की तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए नर्सरी में पौधों को तैयार किया जा रहा है। जल संरचनाओं का वृक्षारोपण कर जियो टैग भी किया जा रहा है। 

          इस अवसर पर उप वन संरक्षक श्री वी. एस. जोहरा, वाटरशेड के सहायक मुख्य अभियंता श्री आई. सी. खंडेलवाल, अधिशाषी अभियंता श्री शलभ टंडन, जिला परिषद के अधिशाषी अभियंता श्री गोपाल गर्ग सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *