अजमेर, 15 मई। आशातीत सफलता को देखते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग जयपुर द्वारा गिव अप अभियान प्रारम्भ किया गया था। खाद्य सुरक्षा योजना की पात्रता खो चुके 2270 परिवारों के 8512 सदस्यों ने सरकार की प्रस्तावित कार्यवाही के डर से स्वेच्छा से अपने नाम हटवा लिए हैं। अभियान की अंतिम तिथि 31 मई सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। इसके बाद कोई परिवार पात्रता नहीं रखने के बावजूद खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ लेता है तो उस पर विभाग कार्यवाही के साथ ही 27 रूपये पति किलो अथवा बाजार दर के हिसाब से वसूली की जाएगी।
जिला रसद अधिकारी (द्वितीय) श्री नीरज कुमार जैन ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में अवैध रूप से लाभ लेने वाले लाभार्थियों के लिए गिव-अप अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति जिनके पास चार पहिया वाहन हैं, आयकर दाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में 1500 स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन पर मकान बना हो और आर्थिक रूप से सक्षम है। इसके बाद भी यदि खाद्य सुरक्षा योजना में अवैध रूप से लाभ उठा रहे हैं तो उनके नाम काटे जा रहे हैं। वे उपभोक्ता एवं परिवार स्वयं अभियान के तहत योजना से नाम कटवा सकते हैं। अवैध रूप से योजना का लाभ ले रहे व्यक्तियों को 31 मई तक का समय दिया गया है। विभाग के पास सभी अपात्र परिवारों की सूची तैयार है, यदि वे स्वयं अंतिम तिथि से पूर्व नाम नहीं हटवाते हैं तो एक मई से विभागीय कार्यवाही शुरू की जाएगी। इसमें 27 रूपये प्रति किलो के हिसाब से वसूली की जाएगी। साथ ही विधिक कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी। जिला रसद कार्यालय ग्रामीण द्वितीय अजमेर के क्षेत्र में अब तक 354 सक्षम व्यक्तियों को नोटिस जारी किए जा चुके है।
उन्होंने बताया कि अब खाद्य विभाग द्वारा सघन अभियान में गति लाते हुए सभी प्रवर्तन अधिकारी एवं प्रवर्तन निरीक्षकों को शेष रहे सक्षम व्यवियों के चिन्हीकरण का दायित्व दिया गया है। प्रवर्तन स्टाफ प्रत्येक उचित मूल्य दुकान के निरीक्षण के दौरान गिव-अप फार्म की अधिक से अधिक संख्या में उपलब्धता को प्राथमिकता देगा।