अजमेर। बॉलीवुड इंडस्ट्री में आज के समय में गायकों की कमी नहीं है। लेकिन एक आवाज जिसे हर कोई सुनने के लिए बेताब रहता है, वो है ‘अरिजीत सिंह।’ उनकी दर्द भरी आवाज, उनकी गायकी और हर गाने में जान फूंक देने की उनकी क्षमता ने उन्हें एक आज एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया है। आज हर बड़ा फिल्म निर्माता और संगीत निर्देशक अपनी फिल्म में अरिजीत का एक गाना जरूर रखना चाहता है, ताकि फिल्म के साथ-साथ उसके गाने भी हिट हो जाएं। लेकिन कहते हैं न कोई भी सफलता रातों-रात नहीं मिलती है। इसके लिए आपको कड़ा संघर्ष करना पड़ता है, बस कुछ ऐसी ही संघर्षों से भरी कहानी है मशहूर गायक ‘अरिजीत सिंह’ की। चलिए तो उनके जन्मदिन के खास मौके पर आइए एक नजर डालते हैं पद्मश्री अरिजीत सिंह के सफ़र पर!
अरिजीत सिंह का जन्म और उनका संगीत के प्रति प्रेम
Arijit Singh: अरिजीत सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1987 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के जियागंज में पंजाबी पिता और बंगाली मां के घर हुआ था। उन्होंने घर पर ही छोटी उम्र में संगीत की शिक्षा लेना शुरू कर दिया था। उनकी मौसी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली थी और उनकी नानी गाती थीं। उनके मामा तबला बजाते थे और उनकी मां भी गाती और तबला बजाती थीं। अरिजीत सिंह के परिवार में उनके पिता थे जो की एक LIC एजेंट थे, और मां अदिति सिंह गृहिणी थीं । उनकी एक बहन है। इसके साथ ही उनकी पत्नी व तीन बच्चे भी हैं। । उनके पिता का पहले ही निधन हो गया था। उसके बाद उनकी मां ने 52 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उन्हें कोविड-19 लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि, 17 मई 2021 को उनका कोरोना संक्रमण भी निगेटिव आया था, लेकिन 19 मई 2021 को AMRI अस्पताल, ढकुरिया, कोलकाता में ब्रेन स्ट्रोक के कारण उनकी मृत्यु हो गई। Arijit Singh ने ‘राजा बिजय सिंह हाई स्कूल’ और बाद में कल्याणी विश्वविद्यालय से संबद्ध श्रीपत सिंह कॉलेज में पढ़ाई की।