अजमेर। अजमेर दरगाह विवाद अब हाई कोर्ट में है। एक व्यक्ति ने दावा किया है कि दरगाह एक शिव मंदिर की जगह बनी है, और मंदिर को खोजने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए. इस दावे को लेकर विवाद हुआ है, और यह मामला अब हाई कोर्ट में है.
विवाद का विवरण:
दावा:
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि अजमेर शरीफ दरगाह के स्थान पर पहले एक शिव मंदिर था.
याचिका:
गुप्ता ने एक याचिका दायर की है जिसमें दरगाह के स्थान पर एक सर्वेक्षण करने और मंदिर को खोजने का अनुरोध किया गया है.
सुनवाई:
इस याचिका पर सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई, और अब मामला हाई कोर्ट में है.
धमकी:
सुनवाई के दौरान, दरगाह के वकील को जान से मारने की धमकी दी गई.
मामले का महत्व:
सांप्रदायिक तनाव:
इस विवाद से अजमेर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है.
अदालत का फैसला:
यह मामला अब हाई कोर्ट में है, और अदालत के फैसले का इंतजार किया जा रहा है.
धार्मिक स्थान:
अजमेर शरीफ दरगाह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है, और इस विवाद से इसका भविष्य अनिश्चित है.
अन्य विवरण:
पूजा स्थल अधिनियम:
इस मामले में पूजा स्थल अधिनियम (Places of Worship Act) भी शामिल है, जो 15 अगस्त 1947 को धार्मिक स्थलों की स्थिति को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था.
अंजुमन कमेटी:
अंजुमन कमेटी ने दरगाह कमेटी के साथ मिलकर इस मामले का विरोध किया है.
अ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड:
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त की है और सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि इस मामले को निचली अदालतों में ना सुना जाए।