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अजमेर। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अपनी मर्जी से शादी करने मात्र से किसी जोड़े को सुरक्षा की मांग करने का कोई विधिक अधिकार नहीं है। यदि उनके साथ दुर्व्यवहार या मारपीट की जाती है तो कोर्ट व पुलिस उनके बचाव में आएगी।

कहा कि उन्हें एक-दूसरे के साथ खड़े होकर समाज का सामना करना चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने श्रेया केसरवानी व अन्य की याचिका निस्तारित करते हुए दिया है।

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