अजमेर। राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दी। कोर्ट ने 13 साल की नाबालिग के मामले में अनुमति देते हुए कहा, “गर्भावस्था जारी रखने से उसे जीवन भर कष्ट सहना पड़ेगा, जिसमें बच्चे के भरण-पोषण का बोझ और अन्य संबंधित चुनौतियां शामिल हैं। न्यायमूर्ति सुदेश बंसल की पीठ ने गर्भावस्था जारी रखने से पीड़िता के मानसिक स्वास्थ्य को होने वाले संभावित नुकसान पर भी जोर दिया। पीड़िता की वकील सोनिया शांडिल्य ने जानकारी देते हुए बताया कि अदालत ने सांगानेर (जयपुर) के महिला अस्पताल के अधीक्षक को मेडिकल बोर्ड की देखरेख में गर्भपात कराने का निर्देश दिया है।