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             अजमेर, 14 फरवरी। आयुष विभाग द्वारा आजाद  पार्क में शुक्रवार को संभाग स्तरीय आरोग्य मेले का भव्य शुभारंभ किया गया। यह मेला 14 से 17 फरवरी तक आयोजित होगा। इस मेले में आयुर्वेद एवं अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को निःशुल्क परामर्श एवं उपचार प्रदान किया जाएगा । मेले के उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि विधायक श्रीमती अनीता भदेल ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संभाग स्तरीय मेले में चारों जिलों से आयुर्वैदिक वैद्य एवं अन्य पद्धतियों के विशेषज्ञ भाग लेंगे । 

               विधायक श्रीमती अनीता भदेल ने आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद की आवश्यकता को रेखांकित किया और इसे विश्व स्वास्थ्य व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति केवल रोगों के उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ावा देती है। रोगों का उपचार दवाइयों से होता है जबकि रोगमुक्त रहने के लिए आहार एवं दिनचर्या का महत्व है। हमारी प्राचीन धरोहर आयुर्वेदिक, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, युनानी एवं होम्योपेथी हमें सुव्यवस्थित दिनचर्या की कला सीखाते है। 

             उन्होंने कहा कि मानव संसाधन स्वस्थ रहेगा तभी राष्ट्र की उत्पादकता में सहयोग कर पाएगा। आधुनिक चिकित्सा पद्धति से रोग के लक्षण कम हो जाते है। वहीं आयुर्वेदिक पद्धति से रोग का जड़ से निदान होता है। रोगी की पहुंच तक आयुर्वेदिक उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आमजन का स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ रहा है। ऐसे में आयुर्वेद औषधियों का कम लागत पर उपलब्धता सुनिश्चित कर आमजन को दैनिक जीवन में प्राकृतिक वस्तुओं के उपयोग पर जागरूक कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के फायदे बताने से स्वास्थ्य खर्च में कमी आएगी। इससे  स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकेंगे।

           भाजपा शहर अध्यक्ष रमेश सोनी ने  बताया कि चिकित्सा के क्षेत्रा में आयुर्वेद सबसे प्राचीन पद्धति है। हमारी संस्कृति में शिशु के जन्म पर पहली घुट्टी आयुर्वेदिक पद्धति का ही प्रचलन है। भारतीय घरों की रसोइयों में मसाले का प्रयोग भी इसी का उदाहरण है । आयुर्वेद चिकित्सा के साथ जीवन शैली है । 

             इस अवसर पर आयुर्वेद निदेशक श्री आनंद शर्मा और अतिरिक्त निदेशक श्रीमती मेघना चौधरी ने भी नागरिकों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि यह मेला लोगों को आयुष चिकित्सा पद्धतियों के बारे में सही जानकारी देने और उनके लाभों से अवगत कराने का प्रयास है। आयुर्वैदिक वैद्य अपनी प्रतिभा को पहचाने। आयुर्वेद में मृत को जीवित करने की क्षमता है। केरल राज्य आयुर्वेद का हब बन गया है। आयुर्वेद में राजस्थान राज्य को भी अव्वल स्थान दिलवाना है। औषधालय में उच्च गुणवत्ता की दवाइयां मंगवाई गई है। समाज में आयुर्वेद की स्वीकार्यता रही है। वैद्यों को तन्मयता के साथ आमजन को स्वास्थ्य लाभ देना चाहिए।

*जीवनशैली जनित विकारों पर जागरूकता*

              मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप, तनाव एवं अन्य जीवनशैली जनित विकारों की रोकथाम एवं उपचार को लेकर होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉ. शोभा निरबान द्वारा विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस सत्रा में लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा, संतुलित आहार एवं योग के महत्व की जानकारी दी गई।

            इसके बाद मुख्य अतिथि और अधिकारियों ने मेले में लगे विभिन्न चिकित्सा स्टालों का दौरा किया और वहां उपलब्ध उपचार विधियों, औषधियों और स्वास्थ्य परामर्श सेवाओं का अवलोकन किया। उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन  स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में पार्षद राजेश शर्मा,  स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक रमेश मीणा, उपनिदेशक हनुमान मीणा सहित चिकित्सक , परिचायक , नर्सिंगकर्मी  एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। 

             आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक शिव सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि मेले में आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्ध, यूनानी और योग चिकित्सा से संबंधित विशेषज्ञ नागरिकों को परामर्श और उपचार प्रदान कर रहे हैं। यह मेला 17 फरवरी तक जारी रहेगा। इससे बड़ी संख्या में नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा ।

चार दिवसीय आरोग्य मेले के प्रथम दिन करवाया योगाभ्यास

            आजाद पार्क में 14 से 17 फरवरी तक आयोजित होने वाले आरोग्य मेले के प्रथम दिन शुक्रवार  को सुबह के सत्रा में प्रातः 7 से 8 बजे तक आमजन व मेले में आए विभिन्न लोगों को योग प्रशिक्षक डॉ.नेमीचंद तंबोली  द्वारा योगाभ्यास करवाया गया। इस दौरान योग की सूक्ष्म  क्रियाओं के साथ ही अनुलोम विलोम, कपालभाति , भस्त्रिाका 

चक्रासन आदि का अभ्यास करवाया गयाा। आगामी तीन दिनों शनिवार रविवार एवं सोमवार को भी प्रतिदिन 7 से 8 बजे तक योगाभ्यास करवाया जाएगा।

             प्रथम  दिन  शुक्रवार  को मंच पर योग शिक्षक ईश्वर देवड़ा, विनोद विजयवर्गीय और जसवंत सिंह सोलंकी भी  साथ रहे। प्रतिदिन योग्य अभ्यास  में आमजन भी उपस्थित  होकर इसका लाभ ले सकेंगे।

*सांस्कृतिक संध्या का हुआ आयोजन*

              शाम को सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें संगीत, नृत्य एवं लोककला की आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी गईं। यह कार्यक्रम नागरिकों के लिए मनोरंजन के साथ-साथ संस्कृति से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना।

 

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