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अजमेर।  जयपुर।आधार कार्ड की तरह अब हर छात्र का 12 अंकों का अपार कार्ड (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री) बनाया जाएगा। इसमें उनकी शैक्षिक उपलब्धियों समेत अन्य रिकॉर्ड का विवरण होगा। वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर उपयोग किया जा सकेगा। यह कार्ड बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए बनाया जाएगा। शिक्षा निदेशक के अनुसार सभी जिला व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को अपार कार्ड बनाने के संबंध में निर्देश दिए। इसमें कहा गया कि यह ऐसी प्रणाली है, जिसमें छात्रों के लिए 12 अंकों का यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। इसकी मदद से भविष्य में उनकी शैक्षिक प्रगति व उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी। ड्राप ऑउट बच्चों का चिह्नीकरण तथा शैक्षिक यात्रा, उनके अंक पत्र आदि का विवरण संबंधित अपार आईडी में सुरक्षित हो जाएंगे। डिजिलॉकर की सहायता से सभी अकादमिक अभिलेख प्राप्त किए जा सकेंगे। इस व्यवस्था से ड्रॉप आउट दर कम किया जा सकेगा तथा ऐसे बच्चों को फिर से शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करने में सहायक सिद्ध होगा। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की अपार आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से सहमति पत्र लिया जाएगा।यह एक 12 अंकों का यूनिक नंबर होगा। यह वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर काम करेगा। यह एनईपी 2020 का अंग है। सहमति पत्र के बाद यू डायस पोर्टल पर अपार मॉड्यूल में छात्र को दिए गए फॉर्म को भरना होगा। अपार कार्ड के लिए विद्यार्थी के नाबालिग होने पर अभिभावक से सहमति पत्र लेना होगा।कार्ड की मदद से छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि की ट्रैकिंग होगी। यह कार्ड बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बनाया जाएगा। यह कार्ड यू-डाइस पोर्टल के माध्यम से बनाया जाएगा। इससे छात्रों की आजीवन सीखने की यात्रा की निगरानी की जा सकेगी। इससे शिक्षा रिकॉर्ड का एक डिजिटल भंडार भी बनेगा।

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