अजमेर 24सितंबर | 23 वीं राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस राजपलमोकोन 2024 का आयोजन राजस्थान के जोधपुर शहर में किया गया जिसमें अजमेर मेडिकल कॉलेज के श्वसन रोग विभाग के सहायक आचार्य डॉ मुकेश गोयल ने हिस्सा लिया। डॉ मुकेश गोयल ने इस कांफ्रेंस में अपने शोध पत्र जिसका विषय *सबक्यूटेनियस एंफिसेमा बीमारी* था प्रस्तुत किया। डॉ गोयल ने बताया कि इस शोध पत्र में उन्होंने इस बीमारी के संभावित कारणों, निदान में मददगार घटकों और विभिन्न निदान विधियों पर गहन अनुसंधान किया है। पूरे विश्व में अपनी तरह का यह पहला शोध पत्र है जिसमें सबक्यूटेनीयस एंफिसेमा बीमारी पर एनालिटिकल स्टडी की गई है। डॉ गोयल ने यह शोध पत्र डीआर क जैन बेस्ट रिसर्च पेपर कैटेगरी में प्रस्तुत किया था इस कैटेगरी में अहमदाबाद गुजरात के सीनियर पल्मनोलॉजिस्ट और इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के सीनियर साइंटिस्ट जज के तौर पर मौजूद थे| डॉ गोयल ने इस श्रेणी में गोल्ड मेडल हासिल कर चिकित्सा जगत मे अजमेर का नाम रोशन किया | इसी सेशन में जयपुर उदयपुर और अजमेर के अन्य पल्मनोलॉजिस्ट ने भी अपने-अपने शोध पेपर प्रस्तुत किये | दो दिन तक चली इस कांफ्रेंस में डॉक्टर गोयल ने सीओपीडी बीमारी के पैनल डिस्कशन में हिस्सा लेते हुए विषय विशेषज्ञ की भूमिका भी निभाई। डॉ मुकेश गोयल ने बताया कि उन्होंने इस कांफ्रेंस में ई पोस्टर प्रस्तुतीकरण के सेशन में बतौर निर्णायक की भूमिका भी निभाई।
कॉन्फ्रेंस के अन्य बिंदुओं पर चर्चा करते हुए डॉक्टर मुकेश गोयल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में फिमिसीमा बीमारी को लेकर भी चर्चा कीजिए यह बीमारी त्वचा और मांसपेशियों के बीच हवा भरने की वजह से होती है जिसकी वजह से रक्त वाहिनियों में अवरोध पैदा होता है इस बीमारी के चलते मरीज की मौत भी हो सकती है इस बीमारी के विषय में भी पहली बार एनालिटिकल रिसर्च की गई है।
डॉ मुकेश गोयल जेएलएन अस्पताल के श्वसन रोड विभाग में सहायक आचार्य के पद पर कार्य हैं। विभागध्यक्ष डॉक्टर रमाकांत दीक्षित को प्रेस्टीजियस ऑरेशन अवार्ड, डॉ एसके सरकार को ओरेशन अवॉर्ड प्रदान किया गया। डॉ सिद्धार्थ माथुर ने पोस्टर प्रेजेंटेशन में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया, वही डॉक्टर नीरज गुप्ता और डॉक्टर राजवीर कुलदीप ने भी इस कांफ्रेंस में विषय विशेषज्ञ के रूप में हिस्सा लिया।